पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि वैश्वीकरण जारी रहेगा और 25 साल देश की नई नीतियों को लेकर संदेह करने वाले गलत साबित हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘यह गर्व की बात है कि आर्थिक नीतियों का जोर और उसकी दिशा पिछले 25 साल से बरकरार है।’. सिंह को 1990 के दशक की शुरुआत में किए गये आर्थिक सुधारों का सूत्रधार माना जाता है।
पूर्व पीएम ने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनस लीडरशिप समिट-2017 के 15वें सत्र में शुक्रवार शाम को यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘आप सभी को पता है कि 1991 में हमने अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के लिए नया रुख अपनाया। इसमें घरेलू और बाह्य अर्थव्यवस्था दोनों में प्रगतिशील उदारीकरण शामिल है। इस दौरान जीडीपी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और साथ ही गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वालों के अनुपात में भी कमी आई।’
बता दें कि इस दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और साथ ही गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वालों के अनुपात में भी कमी आयी। सिंह ने कहा कि निसंदेह कई चुनौतियां हैं। खासकर स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में। साथ ही आय एवं संपत्ति में असामनता को पाटने के लिये व्यावहारिक उपाय किये जाने की जरूरत है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वैश्वीकरण बरकरार रहेगा।