योग महोत्स व में शिरकत करने के लिए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ऋषिकेश पहुंचे। जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर वेंकैया नायडू का प्रदेश के राज्यपाल केके पॉल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में आए साधकों को संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि योग धर्म से नहीं जुड़ा है, हिंदू धर्म नहीं, बल्कि जीवन पद्धति है। यहां प्रकृति को पूजा जाता है। यहां विषधर सांप की भी पूजा की जाती है। इससे पहले उपराष्ट्रपति ने परमार्थ निकेतन स्वर्ग आश्रम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि जब योग शरीर में प्रवेश करता है तो रोग स्वत बाहर हो जाते हैं। भगवान कृष्ण और गीता को याद करते हुए उन्होंने स्वामी चिदानंद को रोल मॉडल बताया। उन्होंने कहा कि जब हमें सोने की चिड़िया कहा जाता था तो गुलामी से पूर्व हमारे देश की जीडीपी दर 27.7 होती थी।
भारत ने हमेशा समूचे विश्व में शांति का संदेश दिया। शांति के लिए हाथ बढ़ाया भारत में कभी किसी देश पर हमला नहीं किया। भारत संस्कृति का देश है। यहां विकृति को जन्म नहीं दिया जाता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि योग का संबंध शरीर मन चित तीनों से है। योग साधक को एकाग्रता और सकारात्मकता का भाव जगाता है। प्रधानमंत्री ने विश्व पटल पर योग को आगे बढ़ाने का काम किया।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की पानी हवा मिट्टी सभी तत्वों में योग बसा है। कहा, मेरा सौभाग्य है कि मुझे उत्तराखंड की तीर्थ नगरी ऋषिकेश के गंगा तट पर आने का अवसर मिला है। दिमाग जब चलायमान होता है तो योग इसे शांत करने का बेहतर साधन है। यही संदेश उत्तराखंड भारत देश से समूचे विश्व में फैल रहा है।
बता दें कि, ऋषिकेश में हर साल की तरह इस साल भी इंटरनेशनल योग महोत्सव चल रहा है। मुनिकीरेती के गंगा के तट पर स्थित परमार्थ निकेतन में योग महोत्सव आयोजित किया गया है यहां कई देशों के योग साधक पहुंचे हैं।
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