भोपाल : पिछड़ा वर्ग के लिये राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार से राष्ट्रीय आयोग गठित करने और उसे संवैधानिक दर्जा दिलाने का अनुरोध किया जायेगा। इन वर्ग के युवाओं में प्रतिभा, क्षमता और योग्यता की कोई कमी नहीं है, इन्हें शिक्षा एवं रोजगार के क्षेत्र में सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जायेंगी।
यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सागर जिले के समीप ग्राम बामौरा में पिछड़ा वर्ग महाकुंभ को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने पिछड़ा वर्ग की 15 विभूतियों को रामजी महाजन पिछड़ा वर्ग सेवा राज्य पुरस्कार प्रदान किये तथा वर्ष 2017-18 मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न सेवाओं में चयनित पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के विकास के लिये 5973 करोड़ रूपये की राशि आर्थिक सहायता और अनुदान के रूप में खर्च की है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग स्वरोजगार योजना में पिछले वित्त वर्ष में 111 करोड़ रूपये खर्च कर युवाओं को स्व-रोजगार से लगाया गया। इस दौरान उन्होंने पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की, जिनमें विद्यार्थियों के लिये विकासखण्ड स्तर पर छात्रावास खोलने, छात्रावास में प्रवेश नहीं मिलने की स्थिति पर सरकार द्वारा मकान का किराया देने, छात्रवृत्ति के लिये अभिभावक की वार्षिक आय सीमा 75 हजार रूपये को बढ़ाकर 3 लाख रूपये सालाना करने,
50 विद्यार्थियों का विदेशी विश्वविद्यालय में चयन होने पर फीस राज्य सरकार भरने, पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं के लिये कोचिंग दिलवाने, विद्यार्थियों से कांऊसिलिंग के समय आय प्रमाण पत्र नहीं मांगने, विद्यार्थियों को दिया जा रहा अनुरक्षण भत्ता दोगुना करने जैसी लोक लुभावन घोषणाएं की। इसके अलावा उन्होंने प्रत्येक वर्ष पिछड़ा वर्ग के 2 लाख हितग्राहियों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने तथा नरयावली एवं जरूआखेड़ा में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था खोले जाने की घोषणा की।
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