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मौज ही मौज में हैं भगौड़े

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वाह! क्या बात है। सीबीआई ने फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी का पासपोर्ट भारत सरकार द्वारा निरस्त किए जाने की सूचना 24 फरवरी काे ही इंटरपोल केन्द्रीय डेटा बेस को दे दी थी लेकिन नीरव मोदी कई देशों की यात्रा करने में कामयाब रहा। नीरव मोदी की भारतीय मीडिया में सुर्खियां बन रही हैं। कहा जा रहा है कि नीरव मोदी 15 मार्च को लन्दन के हीथ्रो हवाई अड्डे से हांगकांग, 28 मार्च को न्यूयार्क के जेएफके हवाई अड्डे से हीथ्रो आैर 31 मार्च को हीथ्रो से चार्ल्स डि गॉले, पेरिस गया। कभी उसके ब्रिटेन तो कभी बेल्जियम जाने की खबरें उड़ रही हैं। सीबीआई ने अमेरिका, सिंगापुर, बेल्जियम, यूएई और फ्रांस को नीरव मोदी की उपस्थिति और उसकी गतिविधियों की जानकारी साझा करने का आग्रह किया था। स्मरण पत्र भी भेजे लेकिन सरकारी पंजाब नेशनल बैंक के साथ गारंटी पत्र आैर विदेशी साख पत्रों के जरिये करीब 13 हजार करोड़ के घोटाले का आरोपी मजे से घूम रहा है।

हैरानी हुई यह जानकर कि नीरव मोदी के पास एक नहीं 6 पासपोर्ट हैं। 5 पासपोर्ट तो आपस में लिंक हैं फिर भी लिंक ने काम नहीं किया। 6 पासपोर्ट कैसे बने, क्या एक ही पहचान पत्र या आधार कार्ड से इतने पासपोर्ट बन सकते हैं? आम आदमी को तो आधार कार्ड के बिना पेंशन के लिए सरकारी कार्यालयों और बैंकों में कई-कई बार चक्कर लगाने पड़ते हैं। कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है आैर नीरव मोदी 6-6 पासपोर्ट लेकर घूम रहा है। क्या नीरव मोदी के लिए पासपोर्ट बनाने के लिए अलग नियम हैं और आम लोगों के लिए नियम अलग हैं। सीबीआई और ईडी का कहना है कि नीरव मोदी कैसे घूम रहा है, इस मामले में विदेश मंत्रालय ही कुछ बता सकता है। नीरव मोदी ने जिस तरह भारतीय सिस्टम का मजाक उड़ाया है, उससे बहुत सारे सवाल उठ खड़े हुए हैं। ऐसा लग रहा है जैसे फिल्म डॉन की तर्ज पर वह कह रहा हो-नीरव मोदी को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है।

माल उड़ा सभी उड़े, सात समंदर पार, निकला सांप, लकीर को पीट रही सरकार। पहले ललित मोदी उड़े, फिर विजय माल्या, फिर नीरव मोदी, मेहुल चौकसी आैर अब राजस्थान के मुकेश मोदी भी फरार हैं। देेश विदिशा के डब्बू अंकल का डांस देखकर फूले नहीं समा रहा, जिन्हें सोशल मीडिया ने रात ही रात में नायक बना डाला। बैंक किसानों की, छोटे दुकानदारों की ऋण चुकाने के लिए बांहें मरोड़ रहे हैं लेकिन बड़े लोग मजे में हैं। छन-छन कर आ रही खबरों के मुताबिक नीरव मोदी ने शेल कम्पनियों के माध्यम से पैसों की बड़ी हेराफेरी की है। उसने फर्जी कम्पनियों के जरिये अपनी बहन के खाते में अरबों रुपए ट्रांसफर किए हैं। मनी लांड्रिंग का मायाजाल बहुत बड़ा है, इस खेल को आम आदमी तो समझ ही नहीं सकता। किस कम्पनी ने किस कम्पनी से लोन लिया, किसने चुकाया, रुपया आया कहां से, रुपया गया कहां, इस खेल को समझना बड़ा मुश्किल है। अब सरकार के पास नीरव मोदी के खिलाफ नई प्राथमिकी दर्ज करने के अलावा चारा ही क्या है? भारत से लगातार विदेश भागने वाले लोगों पर सोशल मीडिया पर चुटकुले बढ़ रहे हैं। एक जोक में तो यह कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सभी बैंकों को एक नया निर्देश जारी किया गया है।

इसमें बैंकों से कहा गया है कि पासपोर्ट वालों को ऋण न दिए जाएं। इसके अलावा यह बात भी सामने आ रही है कि नीरव मोदी ने सिंगापुर के पासपोर्ट का इस्तेमाल किया। इसमें भारत सरकार कुछ नहीं कर सकती क्योंकि गैर जमानती वारंट भारतीय पासपोर्ट के खिलाफ है। सिंगापुर के पासपोर्ट पर भारतीय अधिकारियों के हाथ बंधे हुए हैं। नीरव मोदी भारतीय पासपोर्ट का उपयोग उन देशों में कर रहा है जिन देशों के पास जानकारी नहीं है कि उसके भारतीय पासपोर्ट को रद्द कर दिया गया है। कभी शराब किंग रहे माल्या समेत देश के 31 आर्थिक अपराधी भगौड़े सरकार के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। इन पर नकेल कसने के लिए ही सरकार भगौड़ा आर्थिक अपराध विधेयक लाई थी। नामी-गिरामी लोगों के अलावा सौमित जेना, हरलीन कौर, संजय भंडारी, जतिन मेहता, सभ्य सेठ, नीलेश पारिख, उमेश पारिख, सन्नी कालड़ा, आरती कालड़ा और उनका प​िरवार, आशीष जोबनपुत्र, प्रीति जोबनपुत्र, हेमंत गांधी आदि भी आर्थिक गड़बड़ियां कर विदेशों में हैं लेकिन इनकी कभी चर्चा नहीं होती क्योंकि सब मजे में हैं। जांच एजेंसियां चिट्ठी-पत्री करती रहती हैं लेकिन होना कुछ नहीं।

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