लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

उन्नाव गैंगरेप से योगी सरकार पर लगा ग्रहण

NULL

आप सब जानते हैं कि बिहार हो या उत्तर प्रदेश ये दोनों माफिया और गुंडाराज के लिए कुख्यात हैं। माफिया और गुंडे अपनी बात पूरी करने के लिए केवल मात्र अपराध के दम पर हुकूमत में यकीन रखते हैं। कायदे-कानून और सिस्टम को ये लोग अपने पांव की जूती समझते हैं। ऐसा क्यों है, हम इस बहस में पड़ने की बजाए उत्तर प्रदेश में नए भगवाधारी योगीराज की चर्चा कर रहे हैं, जहां भाजपा के एक विधायक ने माफिया की भूमिका निभाते हुए एक नाबालिग से रेप किया लेकिन उन्होंने पुलिस को अपने वश में कर रखा था और लड़की की शिकायत की परवाह नहीं की।

लड़की के मां और बाप पुलिस के पास गुहार लगाते रहे और केस दर्ज करना तो दूर उसके पिता को अंदर कर दिया गया, जहां उनकी संदिग्ध मौत हो गई। पीडि़ता के परिवार की सुरक्षा को लेकर पूरे देश में माहौल गरमा गया और योगी सरकार ने पिछले आठ दिन तक केस को लेकर जो ड्रामा रचा वह सबके सामने है। शुरू में पुलिस भी उसे बेगुनाह बताती रही और यहां तक कि एसआईटी की जांच में भी उसको अघोषित रूप से क्लीन चिट दे दी गई।

आखिरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसका गंभीर संज्ञान लेते हुए यह तक कह डाला कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और उसने सरकार से पूछा कि इस आरोपी को गिरफ्तार कर रहे हो या नहीं? तब कहीं जाकर शुक्रवार की तड़के चार बजे माननीय विधायक कुलदीप सेंगर को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले उनके खिलाफ रेप, अपहरण और धमकाने की धाराओं को लेकर केस दर्ज किया गया लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई थी। इस सारी घटना का जिक्र इसलिए किया गया है कि लोग अब समझने लगे हैं कि शासन में नेता लोग माफिया की तरह काम कर रहे हैं तो फिर सत्ता करने वाली पार्टियों की क्या स्थिति होगी?

सारे मामले पर राजनीति गरमा चुकी है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका ने इंडिया गेट पर आधी रात को बलात्कार और हिंसा के मामलों में कार्यवाही की मांग को लेकर कैंडल मार्च निकाला। आप इसे राजनीति कहें या कुछ और लेकिन सच यह है कि उत्तर प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर इस वक्त पूरे देश में क्रोध का उबाल है। यही दु:खद दृश्य हम आज से महीना भर पहले हरियाणा में दर्जनों बार देख चुके हैं तथा सभी घटनाएं रेप से जुड़ी थी।

आज सोशल साइट्स पर लोग राजनेताओं की माफियागिरी को लेकर योगी सरकार की घुटनाटेक नीति को कोस रहे हैं। आप इसे राजनीतिक मुद्दा कहें लेकिन सच बात यह है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के बड़े-बड़े आह्वान अब सोशल साइट्स पर लोगों को प्रासांगिक नहीं लग रहे और वो सरकार से बार-बार यही पूछ रहे हैं कि नारे लगाने से पहले जमीनी पहलू भी देख लो और बच्चियों और नाबालिगों की सुरक्षा सुनिश्चित करो।

उन्नाव केस में एक नाबालिग से रेप को लेकर जो राजनीतिक ड्रामेबाजी योगी सरकार की तरफ से हुई वह इंसानियत को शर्मशार करने वाला एक वाक्या है कि किस प्रकार पुलिस अपराधियों को बचाने का काम कर रही है। अगर मुख्यमंत्री योगी पहले ही इस सारे कांड में पुलिस अधिकारियों से पूरी जानकारी लेकर इस माननीय विधायक सेंगर साहब के खिलाफ एक्शन ले लेते तो दिल्ली से सीबीआई को आकर गिरफ्तारी ना करनी पड़ती। हम कानून के रखवाले हैं और जनता के हितों की रक्षा करेंगे, ऐसे बड़े-बड़े दम भरने वाले मुख्यमंत्री योगी के नीचे काम करने वाले प्रशासन ने इस विधायक सेंगर साहब को पूरा राजनीतिक संरक्षण दिया और एक रेप पीडि़ता के पिता की मौत को भी सामान्य घटना करार दिया तो बताइए लोकतंत्र में आप आने वाले दिनों में किससे समर्थन की उम्मीद करेंगे?

सच बात यह है कि अगर आप भगवाधारी हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि आप खुद का संन्यासी बताकर शासन के मुखिया बनकर लोगों का दिल जीत लेंगे। समाज में हर वर्ग की भावनाओं का और उसके हितों का सम्मान करना प्रशासन का पहला कर्त्तव्य है, यह बात हमें लोकतंत्र सिखाता है लेकिन वोट लेकर पार्षद, विधायक या फिर सांसद की शक्ल में अगर आप जनसेवक बनते हैं और फिर कानून को अपने हाथ में लेकर पुलिस को अपना पिट्ठू बनाकर माफियागिरी करते हैं तो कोई तुम्हें माफ नहीं करेगा।

एक नाबालिग से रेप और उसके पिता की हत्या कोई छोटी बात नहीं है। योगी सरकार का कारनामा अब सबके सामने है और पुलिस ने इस नेताजी को बचाने के लिए जान लड़ा दी और उसके भाई की गिरफ्तारी भी दिखाई लेकिन असली काम तो इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कर दिखाया और सरकार की पक्षपातपूर्ण कार्यशैली सबके सामने रख दी। दिल्ली से सीबीआई गई और विधायक सेंगर को गिरफ्तार किया। रेपकांड से लेकर गिरफ्तार तक राजनीतिक दृष्टिकोण से योगी सरकार कसौटी पर खरी नहीं उतरी।

उन्नाव से लेकर दिल्ली तक जो योगी सरकार का कर्मकांड सोशल मीडिया पर जिस तरह से वायरल हुआ, भविष्य में सपा, बसपा, कांग्रेस इसे एक अच्छा राजनीतिक मुद्दा बनाकर भाजपा पर अटैक करेंगे। सच बात यही है कि अब सरकार के पास जवाब नहीं है। आने वाला वक्त इसका जवाब देगा।

कुल मिलाकर अब यही स्थापित होने लगा है कि जो इंप्रेशन योगी सरकार ने शासन संभालने के बाद दिए ताजा रेप की घटनाओं को लेकर अब उन पर ग्रहण लगने लगा है और जिस तरह से अब उनकी राजनीतिक घेराबंदी हो रही है तो उनके लिए बहुत जल्छी मुश्किलों भरा समय शुरू हो चुका है। सोशल साइट्स पर यह सब चर्चा जोरों पर है कि इस सरकार में अब ऐसे कई नेतागण हैं जो पूर्व में अपराधी रहे हैं तथा अपनी सियासत चमकाने के लिए भगवा पार्टी में उन्हें योगी ने जगह दिलाई है, जो कि अब अपना असली चेहरा दिखाने  लगे हैं। यूपी और देश इसे लेकर  सरकार से जवाब मांग रहा है। लोकतंत्र में सत्ता हासिल करना और इसे मेंटेन करना बहुत मुश्किल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

one × one =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।