अमिताभ बच्चन को सदी का महानायक क्यों कहा जाता है ये तो आप सभी जानते ही है। क्या नहीं है इस महान अभिनेता में, हर तरह के किरदार निभाने की काबिलियत , उम्र के इस पड़ाव पर आकर भी निरंतर काम करने की चाह , हर वर्ग के लोगों के लिए एक आदर्श। आप कह सकते है ऐसी शायद कोई चीज़ नहीं जो इस अभिनेता में कमी दिखाई देती हो।
70 के दशक में अमिताभ सुपरहिट अभिनेता थे जिनके नाम भर से फिल्म को सफल मान लिया जाता था यानि अमिताभ का रुतबा और फैन फॉलोविंग इस हद तक लोगों के सिर चढ़कर बोल रही थी की फिल्म में अमिताभ की झलक को भी सफलता की गरंटी माना जाता था। इस बीच एक फिल्म आयी अमर अकबर अन्थोनी जिसमे परदे पर धूम मचा दी।
मनमोहन देसाई इसके डायरेक्टर और प्रोड्यूसर थे। प्रयाग राज ने इसका सक्रीन प्ले लिखा था और डायलॉग्स लिखे कादर खान ने। फिल्म में अमिताभ के अलावा विनोद खन्ना (अमर), ऋषि कपूर (अकबर) भी मुख्य भूमिका मे थे। फिल्म अपने दौर की सुपरहिट साबित हुई। वैसे तो पूरी की पूरी फिल्म दर्शकों को खींचती है, लेकिन फिल्म का एक सीन जिसने देखा, कभी भूल नहीं पाया।
उस एपिक सीन को अमिताभ बच्चन ही कर सकते थे। यह दावा आप भी करेंगे अगर फिर से उसे देख लेंगे। हम बात कर रहे हैं- अमिताभ के शीशे वाले कॉमेडी सीन की… बस… हो गया पिटाई, खुश… खुश… तेरे को हम इसकाएच्च वास्ते बोलता था दारू मत पी, मत पी, मत पी… दारू… ख… खराब चीज है।
तू अगर दारू नहीं पिएला होता तो क्या वो जाड़िया तेरे को मारने को हो सकता… बोल… अरे तू खुद बोल तेरे को मारने को हो सकता… हां…
ये वीडियो अमिताभ की प्रतिभा का महज एक छोटा सा उदाहरण है ।
आपको बता दें परदे पर अमिताभ ने जिस आसानी से इस दृश्य में अभिनय किया है उसके लिए उन्हें काफी प्रैक्टिस करनी पड़ी थी। पूरा बॉलीवुड इस बात को जानता है की अमिताभ से बेहतर इस दृश्य को कोई नहीं कर सकता था। और खुद अमिताभ ने भी माना की ये उनके यादगार दृश्यों में शायद सबसे ज्यादा बेहतर था।