मुबंई : बॉलीवुड की मशहूर और सब के दिलों पर राज करने वाली एक ऐसी अभिनेत्री जिन्होंने अपनी दिल कश आदाओं से तीन दशक से दर्शको के मन में जगह बनयी । माधुरी दीक्षित का जन्म 15 मई 1967 को मुबंई में एक मध्यवर्गीय मराठी , ब्राहमण परिवार में हुआ उन्होंने अपनी शिक्षा मुबंई से हासिल की। उसकेे बाद उन्होंने मुबंई यूनिवसिर्टी में दाखिला ले लिया। और उनका माइक्राबांयलेजिस्ट में पढ़ाई की इस बीच उन्होंने आठ वर्ष लगभग कथक नृत्य की शिक्षा हासिल की ।
माधुरी दीक्षित ने अपने कैरियर की शुरूआत 1984 में राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म ‘अबोध’ से की, लेकिन कमजोर पठकथा और निर्देशन के कारण बॉक्स ऑफिस से फिल्म को बुरी तरह नकारा गया । माधुरी ने वर्ष 1984 से 1988 तक फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए अधिक प्रयास करती रही। परंतु उसके बाद भी वह उनको जो फिल्म मिलती गई उन्होंने स्वीकार करती गई । उन्होंने कई फिल्मों में दुबारा बेहत प्रयास करने के बाद भी वह बॉक्स अॅफिस पर स्वीकार नहीं की गई ।
वर्ष 1988 मे उन्होंने विनोद खन्ना के साथ काम करने और फिल्म ‘दयावान ‘में माने का मौका मिला।
1988 में अनिल कपूर के साथ काम कर फिल्म ‘तेजाब’ में छा गई । फिल्म कमयाब होने के बीच और श्रोताओं में अपनी पहचान बनाने के बाद वह अपनी सही पहचान पाने में कुछ हद तक कामयाब हुई।
वर्ष 1990 में आमीर की और माधुरी की जोड़ी को बेहद पसंद की उनकी फिल्म दिल प्रदर्शित हुई। तथा सिनेमा में दमदार अभिनय का पहला कैयरियर फेयर पुस्कार प्राप्त हुआ।
वर्ष1991 में माधुरी का सिनेमा कैयरियर का अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष का अहम वर्ष सबित हुआ इस वर्ष उनके नये रंग दर्शको को देखने को मिले ।
वर्ष 1992 में माधुरी दीक्षित की ‘बेटा’ प्रदर्शित हुई।
वर्ष 1994 में राजश्री प्रोडक्शन के साथ काम करने के बाद फिल्म ‘हम आपके है कौन’ माधुरी दीक्षित की सब फिल्मों में से सुपरहिट फिल्म शुमार हो गई। सालमान के साथ उनकी जोड़ी हिट हो गई और एक परिवारिक पृष्ठïभूमि पर आधरित यह फिल्म श्रोताओ के बीच काफी लोकप्रिय हो गई ।
नब्बे के दशक में यह अरोप लगने लगा कि वह केवल ग्लैमरस किरदार ही निभाने में समझ है निर्माता -निर्देशक प्रकाश झा ने उनकी मदद की ‘मृत्युदंड’ का निमार्ण किया। ऐसी महिला का किरदार किया जो अपने पति की मौत का बदला लेती है।
वर्ष 2002 में माधुरी को शरत चंद्र के साथ काम करने का मौका मिला उनका मशहूर उपन्यास ‘देवदास ‘ पर बनी फिल्म में काम किया । इस फिल्म में उन्होंने अपने चंद्रमुखी किरदार से दर्शको का दिल जीत लिया और एक बार फिर फेयर पुरस्कार से सम्मनित गयी ।
माधुरी दीक्षित को पांच बार फेयर पुरस्कार से सम्मनित किया गया । इसके साथ-साथ भारतीय सिनेमा में उनका योगदान देखते हुए 2008 में उन्हें पदभूषण से अलंकृत किया गया । वर्ष 2002 में फिल्म ‘हम तुम्हारे है सनम’ के बाद माधुरी ने फिल्म इंडस्ट्री से किनारा कर लिया और वैवाहिक जीवन बिताने लगी। वर्ष 2007 में फिल्म आजा ‘नच ले’ के जरिए उन्होंने दुबारा सिने में कैरियर की दूसरी पारी शुरू की इस फिल्म में खास सफलता नहीं मिली जिसके बाद फिल्म इंडस्ट्री से कुछ दिनों के लिए किनारा कर लिया।
माधुरी दीक्षित ने वर्ष 2013 में प्रदर्शित फिल्म ‘ये जवानी है दीवानी’ से इंडस्ट्री में कमबैक किया । उसके बाद उन्होंने बाद उन्होने ‘डेढ़ इश्किया’ और ‘गुलाब गैंग’ जैसी फिल्मों में काम किया ।