मुंबई : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने आज कहा कि सरकार फिल्म निर्माताओं को सहायता मुहैया कराने के लिए एक शीर्ष निकाय बना रही है। मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम जैसी संस्थाएं अलग अलग काम कर रही हैं। मौजूदा समय की कार्यपद्धति पूरे उद्योग के कार्य को टुकड़े-टुकड़े में अलग कर देता है। उन्होंने आज शाम मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग की सालाना बैठक फिक्की-फ्रेम्स का उद्घाटन करते हुए कहा, “ हम लोग एक ऐसी कमेटी बनाने की योजना बना रहे हैं जो सभी कार्यरत इकाइयों को एक शीर्ष इकाई के अंदर ले आएगी… हम प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना चाहेंगे ताकि जरूरतमंद फिल्मनिर्माता और सरकार के बीच की दूरी को कम किया जा सके।” उन्होंने मीडिया और मनोरंजन की दुनिया में तेजी से तकनीक को स्वीकार किए जाने की जरूरत के बारे में कहा कि उद्योग को ग्राहक अनुभव बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तरफ जरूर देखना चाहिए।
मंत्री ने कहा, “ क्या हम आंकड़ों के विश्लेषण का इस्तेमाल उपभोक्ताओं की जरूरतों को समझने के लिए कर सकते हैं क्योंकि यह हमें बताता है कि किस तरह की चीजें उपभोक्ता देख रहे हैं। कुछ लोगों को भले ही यह दखल देने वाला लगे लेकिन तेजी से बढ़ रहे बाजार को आंकड़ा विश्लेषक ऐसी चीजें रचने में मदद कर सकते हैं जिसे उपभोक्ता वर्ग चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) को डिम्ड विश्वविद्यालय बनाने की योजना बना रही है ताकि छात्रों को विभिन्न विषयों की पढ़ाई करने की अनुमति देकर रचनात्मकता बढ़ाने में मदद मिले।
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