आजकल साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में एक ही मुद्दा छाया हुआ है और वो है कास्टिंग काउच का। श्री रेड्डी ने सबसे पहले फेमस प्रोड्यूसर के बेटे पर काम के बदल सेक्स करने का आरोप लगाया है। उसके बाद कैरेक्टर आर्टिस्ट सुनीता ने यह बोला कि एक क्रिटिक ने उनका रेप करने की कोशिश की है। इनके अलावा एक्ट्रेस संध्या नायडू ने एक कास्टिंग डायरेक्टर पर सेक्शुअल हैरेसमेंट का आरोप लगाया है।
साउथ इंडस्ट्री के इन सभी मामलों को देखते हुए पुराने समय में जाएं तो 80 की दशक की अभिनेत्री निशा नूर की याद आ जाती है। हम उसी निशा नूर की बात कर रहे हैं जिसे प्रोड्यूसर के स्वार्थ की वजह से एड्स जैसी भयानक बीमारी हो गर्ई थी और जो आखिरी समय में सड़क पर पड़ी मिली थीं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि निशा को एक प्रोड्यूसर ने धोखे से प्रॉस्टिट्यूशन में धकेल दिया था। उसके बाद तो निशा से सारे ही इंडस्ट्री के लोग दूर होते गए। उसके बाद जब निशा को कुछ नहीं समझ में आया तो उन्होंने इंडस्ट्री ही छोड़ दी।
लेकिन निशा के उसके बाद ओर भी हालात खराब हो गए थे। ऐसा कहा जाता था कि वह कंगाली से जूझ रही थीं और अपनी बीमारी से लड़ रहीं थीं लेकिन इंडस्ट्री से कोर्ई ऐसा नहीं था जो उनसे मिला हो।
एक भी इसंान उनसे मिलने नहीं गया था। जब निशा ने इंडस्ट्री छोड़ी तो उनके आर्थिक हालात ओर ज्यादा बिगड़ गई। उसके बाद उनकी मां की भी मौत हो गर्ई और वह अकेली रह गईं।
आखिरी दिनों में हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि उन्हें सड़क पर पड़ी पाया गया था। इस दौरान वे जिंदगी की आखिरी सांसें गिन रही थीं।
2007 में निशा जिंदगी की जंग हार गईं। जब निशा को नागोर की दरगाह के पास पड़ा पाया गया तो उनके शरीर पर कीड़े और चींटियां रेंग रहे थे।
निशा साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में बहुत पॉपुलर थीं। उनकी पॉपुलैरिटी का आलम कुछ ऐसा था कि रजनीकांत और कमल हासन जैसे बड़े स्टार्स भी उनके साथ काम करना चाहते थे।
कुछ फिल्मों में निशा इन स्टार्स के साथ दिखी भी थीं। हालांकि, इतनी पॉपुलर होने के बाद भी निशा को जो मुकाम मिलना चाहिए था, वो नहीं मिला। कल्याण अगथिगल, ‘अय्यर द ग्रेट’, टिक टिक टिक , चुवाप्पू नाडा’, ‘मिमिक एक्शन 500’ और ‘इनिमई इधो’।
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