बॉलीवुड की फिल्में शुरू से ही गानों के साथ बनी है। फिल्म इंडस्ट्री में फिल्में बिना गानों के बिल्कुल ही अधुरी सी लगती हैं। फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे फनकार आए हैं जिन्होंने अपनी आवाज से दर्शकों पर जादू चलाया था। आज भी ऐसे ही फनकार आते हैं जिनकी आवाज के दर्शकों दीवाने हैं। आज हम आपको बॉलीवुड की ऐसी ही एक सिंगर के बारे में कुछ खास जानकारी देने जा रहे हैं।
इस सिंगर की आवाज अपने वक्त में लोगों के जुबान पर होती थी लेकिन आज पता नहीं यह आवाज कहां गूम हो गर्ई है। जिस सिंगर के बारे में हम बात कर रहे हैं वह हैं अनुराधा पौडवाल। अनुराधा पौडवाल आजकल लाइमलाइट से दूर रहती हैं। आज यानि कि 28 अक्तूबर को अनुराधा का 65वां जन्मदिन हैं।
बता दें कि 80 केदशक में अनुराधा एक बेहतरीन गायिका बनकर उभरी थीं। 80 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में लता मंगेशकर, आशा भोसले और अल्का याग्निक जैसी बेहतरीन गायिकाओं का राज चलाता था। अनुराधा ने जब फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री की थी तो उन्हें इन सब सिंगर्स को जबरदस्त कड़ी टक्कर दी थी।
ऐसा कहा जाता है कि अनुराधा को गुलशन कुमार और टी-सीरीज ने खोजा था। बता दें कि गुलशन कुमान चाहते थे कि वह अनुराधा को फिल्म इंडस्ट्री में दूसरी लता मंगेशकर बनाना चाहते थे।
आपको बता दें कि साल 1973 में अपने सिंगिंग कैरियर की शुरूआत की थी। अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी की स्टारर फिल्म ‘अभिमान’ से डेब्यू किया था। अनुराधा को पहला ब्रेक सुभाष घई कि फिल्म ‘कालीचरन’ साल 1976 में आई थी। और उसी फिल्म से उन्हें पहला ब्रेक मिला था।
अनुराधा ने इस फिल्म के बाद से ही अपने कैरियर में पीछे मुड़कर नहीं देखा। अनुराधा ने फिल्म इंडस्ट्री केबड़े-बड़े संगीतकार के साथ काम किया है। राजेश रोशन, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, कल्याणजी-आनंदजी और जयदेव इन सब के साथ काम किया है।
अनुराधा हिट गानों के साथ फिल्म इंडस्ट्री में सफलता की सीढिय़ां चढ़ती जा रहीं थीं। उस समय भी अनुराधा के कई विवाद लता मंगेशकर और आशा भोसले के साथ चल रहे हैं। इन विवादों के चलते वह कई सारे संगीतकारों के भी रडार पर आ गईं थीं। उस समय संगीतकार गुलशन कुमार की म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज सबसे बड़ी कंपनी थी।
जो भी फिल्म इंडस्ट्री में आता था वह गुलशन कुमार के साथ जरूर काम करना चाहता है। अनुराधा पौडवाल का फिल्मी कैरीयर डग-मगा रहा था तो उन्होंने गुलशन कुमार के साथ हाथ मिला लिया था और सिर्फ उनके लिए ही गाने गाती थीं। अनुराधा ने फिल्म आशिकी, दिल है कि मानता नहीं और बेटा जैसी फिल्मों में गाने के लिए लगातार तीन साल फिल्मफेयर अवॉर्ड मिले थे।
ऐसा भी कहा जाता है कि इस दौरान अनुराधा गुलशन कुमार की पसंदीदा गायिका बन गईं थीं। गुलशन कुमार उस समय हर जगह हर बात पर अनुराधा पौडवाल का ही सपोर्ट करते हुए नजर आते थे। इंडस्ट्री में इस वजह से यह भी अफवाहें आने शुरू हो गई थीं कि गुलशन कुमार और अनुराधा के बीच कुछ चल रहा है। लेकिन किसी ने भी इस मामले में खुलकर नहीं बोला था।
अनुराधा अपने गाने उसी तरह से गाती रही और आगे बढ़ती गईं। ऐसा कहा जा रहा था कि अनुराधा जिस रफ्तार से जा रही हैं वह जल्द ही लता मंगेशकर के दौर को खत्म कर दें देंगी। कंपोजर ओपी नायर ने यह बोल दिया था कि लता का दौर अब खत्म हो गया है। अनुराधा पौडवाल ने लता मंगेशकर को रीप्लेस कर दिया है। गुलशन कुमान ने तो इससे भी बड़ी बात बोल दी थी कि वह अनुराधा पौडवाल को फिल्म इंडस्ट्री की दूसरी लता मंगेशकर बनाएंगे।
गुलशन कुमार ने इसके बाद उसी दिशा में काम करना शुरू कर दिया है। एक दिन अनुराधा पौडवाल ने अचानक से अपनी जिंदगी का एकदम बड़ा फैसला कर लिया था। अनुराधा ने यह फैसला किया कि वह अब सिर्फ टी-सीरीज के लिए ही गाने गाएंगी। अनुराधा के इस फैसले से सबको यही लगा रहा था कि गुलशन कुमार और अनुराधा पौडवाल के बीच अफेयर की खबरें झूठीं नहीं हैं।
अनुराधा ने गुलशन कुमार की वजह से ही वह टी-सीरीज के लिए ही गाने गाती थीं। इस फैसले से अनुराधा ने अपने ही पैरों पर ही कुल्हाड़ी मार ली थी। क्योंकि इस फैसले के बाद अनुराधा ने टी-सीरीज के अलावा किसी के भी गाने नहीं गाए थे जिसकी वजह से दूसरे गायिकाओं को गाने गाने का मौका मिल गया था। उसके बाद अनुराधा सिर्फ भजन ही गाती थी।
अनुराधा के फैसले के बाद उनका कैरियर बिल्कुल ही डूब गया था। उसके बाद से उन्होंने काफी लंबे समय तक किसी भी फिल्म और म्यूजिक कंपनी के लिए नहीं गाना गाया था। गुलशन कुमार की जब मौत हुई थी तो उसके बाद अनुराधा ने गाने गाना छोड़ दिया था। उसके बाद वह सिर्फ भजन ही गाती थीं। लोग आज भी अनुराधा पौडवााल के भजन को खूब सुनते हैं।