पूर्वोत्तर में बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों के आने पर भारत द्वारा चिंता प्रकट करने के कुछ दिन बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि असम में दस्तावेज तैयार करने और अवैध प्रवासियों की पहचान की प्रक्रिया भारत का आंतरिक मामला है।
बांग्लादेश के अपने समकक्ष ए.के. अब्दुल मोमेन से मुलाकात और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह टिप्पणी की।
जयशंकर बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। विदेश मंत्री बनने के बाद जयशंकर की यह पहली बांग्लादेश यात्रा है।
द्विपक्षीय वार्ता के बाद मीडिया से बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेशी समकक्ष के साथ उनकी सार्थक बातचीत हुई।
‘बीडीन्यूज’ के मुताबिक, मोमेन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) तैयार करने की प्रक्रिया भारत का ‘आंतरिक मामला’ है ।
गृह मंत्री अमित शाह ने इस महीने के आरंभ में पूर्वोत्तर में बांग्लादेश से अवैध प्रवासियों के आने को लेकर बांग्लादेश से भारत की चिंता प्रकट की थी।
नयी दिल्ली में भारत-बांग्लादेश के गृह मंत्री स्तरीय वार्ता (एचएमएलटी) की सातवीं बैठक में बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान के समक्ष मुद्दा उठाया गया था।
असम में एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त को प्रकाशित होने के पहले जयशंकर की यह टिप्पणी आयी है ।
जयशंकर ने कहा कि लंबित तीस्ता जल समझौते के लिए भारत का रुख और प्रतिबद्धता पहले की तरह है।
उन्होंने रोहिंग्या मुद्दे पर भी चर्चा की और म्यामां में उनकी जल्द सुरक्षित वापसी के लिए सहमति जतायी।
जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच सभी मार्गों पर संपर्क बढ़ा है और ‘‘हम इस भागीदारी को बढ़ाना चाहेंगे।’’
ऊर्जा सहयोग पर उन्होंने कहा कि एक दूसरे की सफलता में दोनों देशों की हिस्सेदारी है।
जयशंकर ने कहा भारत ढाका में सबसे बड़ी वाणित्य दूतावास सेवा का संचालन करता है और हम इसे सुगम बनाना चाहते हैं।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘बांग्लादेश के साथ हमारी भागीदारी हमेशा ऐसी रही है जो मिसाल है कि पड़ोसी साथ मिलकर क्या कर सकते हैं।’’ जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दक्षिण एशिया में इस भागीदारी को ‘‘रोल मॉडल’’ की तरह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
मोमेन ने कहा कि वह बहुत उत्साहित हैं क्योंकि जयशंकर के साथ बहुत अच्छी बैठक हुई। बिना किसी मुद्दे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम कमोबेश सभी मुद्दों पर सहमत हुए।’’
इससे पहले, जयशंकर ने ‘बंगबंधु स्मारक संग्रहालय’ में बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान को श्रद्धांजलि अर्पित की।