परिवारवाद को लेकर आजकल भारत में चर्चा काफी गरम है, राजनीति में तो ये आरोप लगते ही रहते है और अब तो बॉलीवुड में भी ये आरोप लगने लगा है। परिवारवाद मतलब एक परिवार के सदस्सों का एक ही प्रोफेशन में होना। आपने एक ही परिवार में कई सारे नेता , अभिनेता , डॉक्टर और इंजिनियर तो देखे होंगे पर क्या कभी एक ही परिवार के सभी सदस्यों को पायलट बने देखा है ?
अगर नहीं तो आज मिल लीजिये इस अनोखे परिवार से जो साल 1954 से अपनी परिवार की अनोखी परंपरा निभाये चला आ रहा है। दादा जी से लगाकर पोते पोतियां, और उनके बच्चे सभी लोग आसमान की सैर करते हैं और यात्रियों को कराते हैं। सीधे कहें तो पायलट की जर्सी इस परिवार की पहचान बन चुकी है।
इनका मानना है कि ‘प्लेन उड़ाना’ इनके खून में है। दिल्ली के निवासी इस भसीन परिवार की इस परंपरा की शुरुआत करी कैप्टन जयदेव ने, जिन्होंने साल 1954 में इंडियन एयरलाइंस ज्वाइन की। इसके बाद उनके बेटे रोहित ने भी पायलट बनने का अपना सपना पूरा किया।
इसके साथ ही रोहित ने जिन निवेदिता जैन से शादी की वो भी पायलट थी। आपको बता दें 26 साल की उम्र में निवेदिता दुनिया की सबसे कम उम्र की जेट उड़ाने वाली महिला कैप्टन बन चुकी थीं।
अब इस परिवार की सबसे छोटी सदस्य यानि रोहित और निवेदिता की बेटी भी पायलट बन चुकी है साथ ही इनका बेटा रोहन भी पायलट ही है और ‘कमांडर बोइंग 777’ चलाता है और एयर इंडिया में उसे 10 साल हो चुके हैं।। उनकी 26 साल की बेटी निहारिका इंडिगो में पायलट हैं।
इस परिवार का कहना है की विमान उड़ाने का शौक उनके खून में है और इन सभी सदस्यों को बचपन से ही आसमान में उड़ने का शौक था जो उन्होंने हासिल भी किया। इस एक ही परिवार के फिलहाल 5 नियमित पायलट है जो की अब तक का रिकॉर्ड है। इस परिवार का मानना है कि विरासत में मिली इस धरोहर को आगे तक ले जाना है।