आज हम आपको बताने जा रहे है एक खबर के बारे में जिसे जानकर आप भी हैरान हो जायेगे । जी हाँ , अब तक आपने लोगों को किडनी प्रत्यारोपण करते हुए और किसी और की आॅंख के माध्यम से देख सकने के चिकित्सकीय आॅपरेशन को लेकर जानकारी प्राप्त की होगी। मगर चिकित्सा विज्ञान ने एक बड़ी सफलता प्राप्त की है। आपको बता दे कि महाराष्ट्र के पुणे में डॉक्टरों ने एक ऐसा आॅपरेशन करने में सफलता हासिल की है जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। यह एशिया में यह पहला सफल आॅपरेशन बन गया है।
डॉक्टरों ने एशिया के पहले ऐसे अंग प्रत्यारोपण में सफल हो गई है जिसमें मरीज को किसी और व्यक्ति के हाथ लगाए गए, और सफलता के साथ उसके हाथ जुड़ गए।
इस आॅपरेशन के बाद एक 19 साल की लड़की की नया जीवन मिला है, जिसने एक एकसीडेेट में अपने दोनों हाथ गंवा दिए थे। डॉक्टरों ने इस लड़की के दोनों हाथों का प्रत्यारोपण किया गया है, जिसमें एक लड़के के डोनेट किए गए बाजू (कोहनी के नीचे वाले हिस्से) लगाए गए हैं।
13 घंटे तक चले इस गहन ऑपरेशन में श्रेया नाम की 19 साल की लड़की के शरीर में नए हाथों का प्रत्यारोपण कर उसे एक नई जिंदगी दी गई है। हालांकि आॅपरेशन करने के लिए चिकित्सकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। मगर लगभग 13 घंटे की शल्य क्रिया के बाद चिकित्सक इस कार्य में सफल हो गए।
अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ने इस महान काम में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस लड़की के शरीर में लगाए गए दोनों हाथों को सड़क एक्सीडेंट में मारे गए एक 20 साल के लड़के के हाथ लगाए गए हैं। इस लड़के की मौत के बाद उसके माता पिता ने उसके हाथों को डोनेट करने का फैसला किया था।
केमिकल इंजीनियरिंग स्टूडेंट श्रेया के दोनों हाथों का सफल प्रत्यारोपण किए जाने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और उसे अब गहन फिजियोथेरेपी और देखभाल से गुजर रही है। वहीं अपने दोनों हाथों को वापिस पाकर श्रेया बेहद प्रसन्न हैं। वह प्रोस्थेटिक हाथों का उपयोग कर रही थी। लेकिन वह इससे खुश नहीं थी। अब ऐसे में इस आॅपेरशन के उसकी खुशी देखते ही बन रही है। वही चिकित्सकों का कहना है कि श्रेया की सर्जरी जटिल थी अब वह लगभग डेढ़ वर्ष में अपने हाथों का 85 प्रतिशत तक उपयोग कर सकेगी।