हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व स्वास्थ मंत्री अनिल विज की दखलांदाजी के बाबजूद, हरियाणा के अस्पतालों से एक के बाद एक लम्बे चौड़े बिल थमाने के मामले सामने आ रहे है। एक बार फिर फरीदाबाद स्थित एशियन अस्पताल ने बुखार से पीड़ित एक गर्भवती महिला की मौत के बाद परिवार को 18 लाख रुपये का बिल सौंपा।
जानकारी के मुताबिक फरीदाबाद के गांव नचौली रहने वाले सीताराम ने अपनी 20 वर्षीय बेटी श्वेता को बुखार आने पर 13 दिसंबर को एशियन हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। यहां 22 दिनों से भर्ती बुखार से पीड़ित एक गर्भवती महिला की मौत हो गई।
अस्पताल प्रशासन ने मृतक महिला के परिवार को 22 दिन के लिए इलाज के लिए 18 लाख रुपये का बिल थमा दिया। वहीं महिला के परिजनो ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जांच की मांग की हैं।
Haryana: A pregnant woman, suffering from fever, died at Faridabad’s Asian Hospital. Hospital administration handed over bill of Rs 18 Lakh to her family for a 22-days treatment. Relatives demand an investigation against hospital administration. (08.01.2018) pic.twitter.com/hKY1yLgUSj
— ANI (@ANI) January 11, 2018
वही , परिजनों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती करने दौरान तीन चार दिन के इलाज के बाद डॉक्टरों ने बताया कि महिला के पेट में बच्चे की मौत हो गई है। ऐसे में मां की जान बचाने के लिए ऑपरेशन करना पड़ेगा। इस ऑपरेशन के लिए डॉक्टरों ने शुरू में साढ़े तीन लाख रूपए जमा कराने को कहा था। अस्पताल के डॉक्टरों के कहने के मुताबिक, परिजनों ने ऐसा किया भी।
श्वेता के पिता सीताराम का यह भी कहना है कि अस्पताल ने पूरा पैसा जमा करने के बाद ही ऑपरेशन करने की बात कही। परिजनों की लाख मिन्नतों के बाद भी जब तक उन्होंने पैसे जमा नहीं करा दिए गए तब तक मां श्वेता का ऑपरेशन नहीं किया।
बताया जा रहा है कि ऑपरेशन में देरी की वजह से ही श्वेता के पेट में इंफेक्शन हो गया। पैसा जमा करने के बाद ऑपरेशन के दौरान श्वेता के गर्भ में पल रही 7 महीने की बच्ची मृत पाई गई।
परिजनों की मानें तो श्वेता की हालत बिगड़ने के बाद उसे आईसीयू में ले जाया गया। उपचार के दौरान लगातार श्वेता के पिता से पैसे जमा कराए जाते रहे। मौत के बाद शव ले जाने से पहले कुल 18 लाख का बिल थमा दिया गया।
वही , मामले में अब हॉस्पिटल के क्वालिटी और सेफ्टी विभाग के चैयरमेन डॉक्टर रमेश चंदाना ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘महिला 32 सप्ताह से गर्भवती थी। उसे पिछले 8-10 दिनों से बुखार था। टाइफाइड के शक आधार पर इलाज शुरू किया गया।। बाद में गर्भवती को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बाद में महिला की आंत में छेद होने की जानकारी सामने आई। इसकी सर्जरी भी की गई। लेकिन महिला को बचाया नहीं जा सका।’
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