अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सकों की 33 सूत्री मांगों को लेकर आज से शुरू हुई बेमियादी हड़ताल से अस्पतालों में कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। सरकार ने हड़ताल से निपटने के लिए रेसमा लगा दिया है। आपको बता दे की राजस्थान में अपनी मांगों के समर्थन में सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी रहने से मरीजों की परेशानी बढ़ती जा रही हैं।
चिकित्सकों की हड़ताल के कारण राजधानी जयपुर सहित राज्य के अन्य जगहों पर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के नहीं पहुंचने पर ओपीडी के बाहर लम्बी लम्बी कतारे लग गई और सरकार द्वारा किये गये वैकल्पिक इंतजाम कम नजर आने लगे हैं। हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रेलवे, सेना एवं सीमा सुरक्षा बल के चिकित्सक विभिन्न अस्पतालों में मरीजों के देख रहे हैं वहीं कुछ डॉक्टरों के काम पर आने से मरीजों के इलाज में मदद मिल रही हैं लेकिन चिकित्सकों के अभाव में अस्पतालों में मरीज बेहाल हैं।
डिस्पेंसरियों एवं अस्पतालों में लम्बी लम्बी कतारों एवं ईलाज के अभाव में मरीजों ने निजी अस्पतालों के चक्कर लगाने शुरु कर दिये हैं। चिकित्सकों के दूसरे दिन भी काम पर नहीं लौटने पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मुख्य सचिव अशोक जैन एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से फीड बैक लिया हैं।
विभाग के उप शासन सचिव पारस चंद जैन ने बताया कि हड़ताली चिकित्सकों को बातचीत के लिए फिर बुलाया हैं। श्री जैन ने बताया कि चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ अपराह्न साढ़ चार बजे अखिल भारतीय सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा़ अजय चौधरी एवं संघ की कोर कमेटी के सदस्यों के साथ वार्ता करेंगे।
उधर अधिवक्ता अभिनव शर्मा ने हड़ताल को लेकर उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की हैं। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में पीआईएल सितम्बर 2012 का हवाला देते हुए न्यायालय से चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया हैं।