कश्मीर में समस्या के बावजूद हिमालय की गोद में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन के लिए वार्षिक यात्रा जारी रही।
आंकड़ों के मुताबिक, घाटी में सबसे ज्यादा अशांत वषो’ में से एक के दौरान भारी संख्या में तीर्थ यात्रियों ने हिस्सा लिया। प्राकृतिक रूप से बने शिवलिंग के दर्शन के लिए इस साल समाप्त हुयी यात्रा में कुल 2.60 लाख लोगों ने भाग लिया।
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ( SASB) द्वारा मुहैया कराए गये आंकड़ों के मुताबिक, 29 जून को शुरू हुयी और सात अगस्त को समाप्त हुयी यात्रा में पिछले साल के 2.20 लाख यात्रियों के मुकाबले 40,000 अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।
कई सालों के तीर्थ यात्र्ाियों के आंकड़ों के तुलनात्मक अध्ययन में पाया गया कि घाटी के हिंसा की चपेट में रहने के बावजूद भारी संख्या में यात्री शामिल हुये।
2008 में 5.33 लाख तीर्थयात्री अमरनाथ यात्रा में शामिल हुये थे जबकि 2009 में 3.81 लाख तीर्थयात्री यात्रा में शामिल हुये थे। हालांकि, 13 सालों में पिछले साल सबसे कम 2.20 लाख तीर्थ-यात्र्ाियों ने यात्रा की थी।
जुलाई 2016 में सुरक्षा बलों के हाथों हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में अशांति व्याप्त हो गयी थी।
एसएएसबी अधिकारियों का मानना है कि तीर्थयात्र्ाियों की संख्या में गिरावट आने का मुख्य कारण परमिट नियमों के कड़े हो जाना है।