हज सब्सिडी को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। हज जाने वालों के लिए यह खबर महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। दरअसल अगले साल से लागु होने वाली हज पालिसी का ड्राफ्ट बन कर तैयार हो चूका है। अल्पसंख्यक मामली के मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी को शनिवार के दिन ड्राफ्ट सौंपा गया है। जिसमे हज सब्सिडी ख़त्म करने का प्रपोजल है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार हज सब्सिडी को धीरे-धीरे खत्म करेगी. नकवी ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने 2012 में हज सब्सिडी खत्म करने का निर्देश दिया था. ऐसे में हमने समिति की अनुशंसा के मुताबिक नयी हज नीति में हज सब्सिडी को धीरे-धीरे खत्म करने का फैसला किया है।
सरकार ने नई हज नीति पेश कर दी, जिसमें 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को बिना मेहरम के हज पर जाने की इजाजत देने और समुद्री मार्ग से हजयात्रा के विकल्प पर विचार करने सहित कई कदम सुझाए गए हैं. वहीं हज यात्रा के प्रस्थान बिंदु 21 से घटाकर नौ कर दिये जाने की सिफारिश है। समिति ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि आरोहण स्थल (ईपी) 21 से घटाकर 9 किए जाएं जो (1) दिल्ली (2) लखनऊ (3) कोलकाता (4) अहमदाबाद (5) मुंबई (6) चेन्नई (7) हैदराबाद (8) बैंगलूरू और (9) कोचीन में हों। इन आरोहरण स्थलों पर उपयुक्त हज गृहों का निर्माण किया जाए. राज्य/जिलों को प्रत्येक आरोहण स्थल के साथ उचित रूप से जोड़ा जाए।
आपको बता दे की भारतीय हज नीति की समीक्षा के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने एक समिति गठित की थी। जिसके संयोजक श्री अफजल अमानुल्लाह, आईएएस, सेवानिवृत्त, पूर्व सचिव, भारत सरकार और भूतपूर्व सीजीआई जेद्दा थे तथा जस्टिस एस. एस. पार्कर, सेवानिवृत्त बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, श्री कैसर शमीम, आईआरएस (सेवानिवृत्त), एवं पूर्व अध्यक्ष भारतीय हज समिति, श्री कमल फारूकी, प्रसिद्ध चार्टर्ड एकाउंटेंट एवं मुस्लिम विद्वान इसके सदस्य थे।