केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए हज यात्रियों को दी जानी वाली सब्सिडी खत्म कर दी है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि हज यात्रा पर दी जाने वाली रियायत इस साल से खत्म कर दिया गया है। अब्बास नकवी ने बताया कि हर साल सरकार की तरफ से हज सब्सिडी के रूप में 700 करोड़ रुपये दी जाती थी।
मुख्तार अब्बास नकवी ने इसके साथ ही बताया कि पिछले साल जहां सवा लाख मुस्लिम हज पर गए थे। वहीं इस बार 1.75 लाख जायरीन हज यात्रा पर मक्का जाएंगे। यह संख्या आजाद भारत के इतिहास में सबसे अधिक है।
Haj subsidy funds will be used for educational empowerment of girls and women of minority community: Minority Affairs Minister Mukhtar Abbas Naqvi pic.twitter.com/p1GmpyyRyg
— ANI (@ANI) January 16, 2018
मुख्तार अब्बास नकवी ने साथ ही बताया कि हज सब्सिडी से बचने वाली राशि सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि सब्सिडी हटाने से हज के लिए लगने वाली लागत पर कोई असर नहीं होगा। आपको बता दें कि कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में केंद्र सरकार को हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सरकार को इसे 2022 तक पूरी तक खत्म कर देना चाहिए।
इससे पहले, पिछले दिनों मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कानून में बदलाव लाते हुए वार्षिक हज यात्रा के लिए महिलाओं को बिना किसी पुरुष संरक्षक के यात्रा करने की अनुमति दी थी।
भारत की नई हज नीति के अनुसार 45 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को चार या उससे अधिक के समूहों में बिना मेहरम के हज यात्रा पर जाने की अनुमति दी गई है। केंद्र सरकार ने कहा था कि हज 2018 के लिए लगभग 3 लाख 59 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, जबकि भारत का कोटा 1 लाख 70 हजार का है।
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