लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

क्या आपको पता है हवा महल के ये राज …

NULL

आज हम आपको बताने जा रहे है हवा महल के बारे में , जी हाँ , वैसे तो भारत विविधताओं भरा देश है जहां अजूबों और आश्चर्यों की कमी नहीं है। देश के लगभग हर राज्य में ऐसी ही खूबियां पाई जाती हैं। वही राजपूताना विरासत को अपने में समेटे राजस्थान भी इससे अछूता नहीं है। राजस्थान को भारत की आन और राजपूतों की शान माना जाता हैं।

hawa mahel1Source

बता दे कि राजस्थान में कई ऐतिहासिक किले और महल अब तक शान से खड़े हैं। जिनकी वास्तुकला की चर्चा पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। राजस्थान में हर किले और महल के वास्तुकला की अपनी ही एक अलग पहचान और शान है। इन्हीं शानों में से एक है यहाँ का हवा महल ! ,राजस्थान की पिंक सिटी बीचों बीच बना हवा महल अपनी सुंदरता और अनोखी डिजाइन के कारण सबको आकर्षित करता है। महल का निर्माण लाल-गुलाबी बलुई पत्थर से किया गया था और इसकी रचना में मुग़लों और राजस्थानी शैलियों की वास्तुकला साफ़ झलकती है।

hawa mahel

Source

हवामहल का मतलब है कि हवाओं की एक जगह। यानी कि यह एक ऐसी अनोखी जगह है, जो पूरी तरह से ठंडा रहता है। हवामहल को साल 1799 में महाराज सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था। इस पांच मंजिला इमारत को बहुत ही अनोखे ढंग से बनाया गया है।

krishan

Source

बता दे कि हवा महल, सर के ताज के आकर में बना हुआ है। श्रीकृष्ण के सर के ताज की तरह प्रतीत होता है। कहा जाता है कि सवाई प्रताप सिंह भगवान श्री कृष्ण के प्रति अत्यंत श्रद्धा भक्ति भाव रखते थे, जिसकी वजह से उनहोंने इस महल को उनके ताज का आकर दिया।

hawa mahel2

Source

यह ऊपर से तो केवल डेढ़ फुट चौड़ी है और बाहर से देखने में किसी मधुमक्खी के छत्ते के समान दिखती है। इस हवामहल में 953 छोटी खिड़कियां हैं जिससे ठंडी और ताजी हवा आती रहती है। जिसके कारण यह जगह बिल्कुल ठंडी रहती है।

hawa mahel3

Source

गुलाबी और लाल रंग के पत्थरों से बना पांच मंजिला हवा महल आज भी 87 डिग्री के एंगल पर ज्यों का त्यों खड़ा है। इस महल को ‘पैलेस ऑफ़ विंड्स’ के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसकी जालीनुमा खिडकियों से ठंडी हवाएं आती है। जयपुर के शाही लोग गर्मियों के दिनों में इस शाही महल में ठहरना पसंद करते हैं। बता दे कि हवा महल का यह नाम यहाँ के पांचवे मंज़िल से पड़ा, जिसे हवा मंदिर कहते हैं।

hawa mahel4

Source

हवा महल को डिजाइन करने का श्रेय लाल चंद उस्ताद को जाता है जिन्होंने खास शाही महिलाओं की पसंद को ध्यान में रखकर महल डिजाइन किया। ये ऐसा एकमात्र महल है जो मुगल और राजपूताना आर्किटेक्चरल स्टाइल में बना हुआ है। हवा महल विशेष तौर पर राजपुत परिवार की महिलाओं के लिए अलग से बनवाया गया था जिसकी खिड़कियों से वे बिना किसी रोक-टोक या हिचकिचाहट के शहर की रोजमर्रा ज़िन्दगी को देख सकती थीं।

hawa mahel5

हवा महल की सबसे पहली मरम्मत इसके बनने के 50 साल बाद यानी 2006 में हुई. इस महल की कीमत फिलहाल 4568 मिलियन रूपयों के आसपास है। पहले जयपुर के कॉरपोरेट सेक्टर्स ने इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ली लेकिन बाद में भारत के यूनिट ट्रस्ट ने ये जिम्मेदारी संभाल ली। आपको जानकर हैरानी होगी जब हवा महल पॉपुलर हुआ इसके बाद ही इसके कॉम्पलेक्स को विकसित किया गया।

hawa mahal2

Source

हवामहल में पर्यटकों को काफी कुछ ऐतिहासिक चीजें देखनें को मिलेंगी साथ ही बहुत सी चीजें उन्हें आकर्षित करेंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

15 − 5 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।