यह राजस्थान का महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। आपको बता दे कि राजस्थान के बूंदी चित्रशैली में नाखूनों पर नायिका बनाने की कला के प्रति विदेशी पर्यटकों में दीवानगी लगातार बढती जा रही है।
बूंदी की प्रसिद्ध नाखून पर मिनिएचर की कला विकसित करने के लिए इन दिनों विदेशी पर्यटक स्वयं इसको सीखने की शिक्षा ले रहे है। इस कला को देखने के लिये कलाकार गोपाल सोनी की कला दीर्घा में लगी पेंटिंग को देखने विदेशी पर्यटकों का तांता लगा है और वे पेंटिंग सीख रहे है। इन पर्यटकों में बून्दी, मेवाड़, मुगल, किशनगढ और कांगडा, जयपुर शैली के चित्रों की मांग देखी जा रही है।
चित्रकार गोपाल सोनी का कहना है कि नाखून पर नायिका तथा भगवान के चित्रों की आकर्षक पेंटिंग 20 मिनट में बन जाती है और यह चित्र एक सप्ताह तक बरकरार रहते हैं। बून्दी शैली मे नायिका का देह चित्रण अछ्वूत और आकर्षक होता है।
इनमें चटख रंग और उनका समायोजन गजब होता है। हाथों मे मेंहदी रचाए और लाख की चूडिय़ां पहने विदेशी युवतियों को बाजारों मे देखा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि शहर के प्राचीन बाजारों मे पेंटिंग , लंहगा, चुनरी, चूडियां खरीदने का चाव विदेशी पयर्टकों मे बढ रहा है। साइकिलों और मोटरसाइकिलों पर विदेशी पर्यटक बून्दी के पर्यटण स्थानों पर घूम रहे हैं।
विदेशी पर्यटक शादी ब्याह तथा धार्मिक उत्सवों मे भी बढचढ कर हिस्सा लेने लगे हैं। कई विदेशी पर्यटकों का ठहराव बून्दी मे बढ रहा है। स्थापत्य कला से भरपूर प्राचीन गढ पैलेस और चित्रशॉला, रानीजी की बावडी, चौरासी खम्भों की छतरी को देखना पर्यटक खूब पसंद कर रहे हैं।