राजस्थान पर्यटन विभाग डेढ़ सौ करोड़ का घाटा पूरा करने के लिए अपनी सम्पत्तियों को बेचकर आर्थिक तंगी दूर करेगा। राजस्थान की पर्यटन राज्य मंत्री कृष्णेन्द्र कौर दीपा ने विभाग की चार साल की उपलब्धियों की जानकारी मीडिया को देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग का घाटा सम्पत्तियां बेचकर ही पूरा किया जा सकता है।
उन्होंने कहा बहरोड़ की यूनिट लाभ में होते हुए भी इसलिए बन्द करनी पड़ रही है कि वहां फ्लाईओवर के कारण बसें अब रुक नहीं रही है। इस सम्पत्ति के विक्रय से मिलने वाली राशि से बहरोड़ में ही दूसरी जगह नए स्वागत केंद्र का निर्माण कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र के प्रति आकर्षण बढ़ने के लिए निजी क्षेत्र की भूमिका बहुत जरूरी है। प्रदेश में निजी निवेश को बढ़वा देने के लिए रिसर्जेन्ट राजस्थान के तहत कुल दो सौ इक्कीस एमओयू किए जिनमें से पच्चीस पीछे हट गये शेष में दस हजार चार सौ बयालीस करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इसी तरह नई दिल्ली में हुई इन्वेस्टर मीट में भी छियालीस एमओयू हुए जिनमें करीब नौ सौ करोड़ रुपये का निवेश आया है।
राज्य मंत्री ने कहा प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए निजी क्षेत्र की कम्पनियों के माध्यम से विभाग की मार्केटिंग कराई जा रही है। पिछले चार साल में यहां पन्द्रह करोड़ पच्चीस लाख देशी-विदेशी पर्यटक भ्रमण के लिए आए जो कांग्रेस शासन के मुकाबले चालीस प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि यदि राजस्थान में फिल्म सिटी के निर्माण के सम्बन्ध में कोई प्रस्ताव आया तो उस पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
राज्य मंत्री ने कहा पद्मावती फिल्म के विरोध के कारण चित्तौड़गढ़ और कुम्भलगढ़ ऐतिहासिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या कम नहीं हुई है।
उन्होंने कहा राजस्थान के ऐतिहासिक स्थलों पर फिल्मों की शूटिंग को बढ़वा देने का प्रयास किया जाएगा, इसके लिए फिल्म निर्माताओं को छूट देने का प्रस्ताव भी आकर्षित करेगा सरकार इस पक्ष में है कि किसी भी फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की अनुमति नहीं दी जाएगी।