राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में सुबह से ही बादलों की उमड़-घुमड़ के बीच हल्की बारिश ने मौसम सुहावना बना दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक हरियाणा के जींद, भिवानी, रोहतक, पानीपत, करनाल, गोहाना में गरज और धूल भरी हवाओं के साथ बारिश का सिलसिला रिकॉर्ड किया गया। इसी के साथ हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में बादलों की आवाजाही के बीच हल्की बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। मौसम के पूर्व अनुमान के मुताबिक इस तरह का मौसम 10 अप्रैल की रात तक बना रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में कल और परसों भी बारिश होने का अनुमान है. इससे पहले भी मौसम विभाग ने दिल्ली का मौसम बदलने की भविष्यवाणी की थी। बताया जा रहा है पहाड़ी इलाके के मौसम बदलने का असर दिल्ली में भी पड़ रहा है।
मौसम विभाग के डायरेक्टर के मुताबिक उत्तर पश्चिम भारत में मौसम में हुए बदलाव के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि इस समय एक कमजोर वेस्टर्न डिस्टरबेंस इलाके में मौजूद है और इसी के साथ उत्तर भारत में बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाएं पहले से ही आई हुई हैं। इन दोनों के बीच टकराव का सिलसिला शुरू हो गया है। यह वेदर एक्टिविटी 10 अप्रैल की रात तक चलेगी। इस वजह से उत्तर भारत के तमाम इलाकों में चढ़े हुए तापमान नीचे उतर चुके हैं। हवाओं में नमी है। लिहाजा धूल के साथ बारिश का सिलसिला भी जारी है। मौसम विभाग का कहना है कि यह वेदर सिस्टम हिमालय की तलहटी वाले इलाकों में मध्यम दर्जे की बारिश दे सकता है।
उधर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मौसम ने करवट ले ली है। यहां निचले पहाड़ी इलाकों में बादलों की चहलकदमी बढ़ गई है। कई जगहों पर हल्की बारिश रिकॉर्ड की गई है। अगले 24 घंटे में कई जगहों पर मध्यम दर्जे की बारिश का पूर्वानुमान है। खास बात यह है कि इस दौरान ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना भी बन गई है। जम्मू-कश्मीर की बात करें तो यहां पर पीरपंजाल पहाड़ियों में बादलों की आवाजाही देखी जा रही है और यह सिलसिला अगले 12 से 15 घंटे तक बना रहेगा।
मौसम विभाग के मुताबिक जिस तरह से उत्तर भारत में वायुमंडल की स्थितियां है, उसमें एक बात तो साफ है कि हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश मैदानी इलाकों में दर्ज की जाएगी। हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों पर ओलावृष्टि की भी संभावना बन गई है। हिमाचल और उत्तराखंड में मध्य हिमालय में कई जगहों पर तेज हवा के साथ बारिश और ओलावृष्टि की आशंका है। उत्तर पश्चिम भारत में इस वजह से गर्मी पर अंकुश रहेगा।
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