अभी गर्मी से लोगों की परेशानी शुरू ही हुई है, लेकिन इसी बीच स्कायमेट ने मानसून को लेकर राहत पहुंचाने वाली भविष्यवाणी की है। स्कायमेट के अनुसार इस साल देश में मानसून सामान्य रह सकता है और 100 प्रतिशत तक बारिश हो सकती है। इस बार देश में सूखे की आशंका जीरो प्रतिशत है। ऐसे में किसानों के लिए यह खबर खासकर काफी राहतभरी है। स्कायमेट का कहना है कि बारिश अनुमान से 5 प्रतिशत कम या अधिक हो सकती है।
आपको बता दें कि भारत में चार महीनों में औसत बेहतर मानसून 96 से 104 फीसदी के बीच माना जाता है, जबकि एलपीए 89 सेंटीमीटर रहता है। वहीं सरकार की ओर से मौसम विभाग मानसून की जानकारी 15 अप्रैल के आस-पास देगा। जिस तरह से निजी मौसम विभाग के ओर से साधारण मानसून की बात कही गई है उसके बाद इसका असर चावल, गन्ना, रूई, सोयाबीन, मक्के पर पड़ सकता है।
स्काइमेट वेदर ने मानसून के पैटर्न को लेकर भी अपनी भविष्यवाणी की है, जिसमे कहा गया है कि 55 फीसदी संभावना है कि मानसून इस बार बेहतर रहेगा, जोकि 96 से 104 फीसदी एलपीए रह सकता है। वहीं स्काइमेट का कहना है कि 20 फीसदी इस बात की भी संभावना है कि मानसून साधारण से अच्छा और साधारण से भी नीचे रह सकता है और बारिश कम हो सकती है। जबकि 5 फीसदी इस बात की संभावना है कि काफी ज्यादा बारिश हो सकती है।
साथ ही स्काइमेट की ओर से कहा गया है कि तटीय राज्य कर्नाटक, केरल में कम बारिश हो सकती है। वहीं आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भी कम बारिश हो सकती है, लेकिन तेलंगाना में बेहतर बारिश की संभावना जताई गई है। ऐसे में स्काइमेट की भविष्यवाणी के बाद माना जा रहा है कि खाद कंपनियों के शेयर में बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। खराब मानसून की खबर से खाद और उर्वरक के दाम भी बढ़ सकते हैं।
आपको बता दें कि मार्च माह में मौसम विभाग के अधिकारी की ओर से कहा गया था कि ईआई निनो का प्रभाव मानसून की बारिश पर नहीं पड़ेगा और चार महीने मानसून बेहतर रहेगा। ईआई निनो समुद्र की सतह की गर्मी को दर्शाता है, जिसके आधार पर मानसून की बारिश का अंदाजा लगाया जाता है। वहीं स्काइमेट की रिपोर्ट पर भूविज्ञान के वैज्ञानिक माधवन नायर राजीवन का कहना है कि अभी से मानसून की भविष्यवाणी करना सही नहीं है, लेकिन इस बात के संकेत हैं कि ला निना इसपर असर डाल सकता है।
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