लुधियाना-जालंधर-रोपड़ : पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश की पहाड़ों पर हो रही छमाछम बारिश के कारण लबालब पानी के सेलाब से भरे भाखड़ा डैम को टूटने से बचाने के लिए निश्चित र्निधारित मात्रा से अधिक पानी होते ही छोड़े गए पानी से पंजाब के लोग त्राहीमाम-त्राहीमाम करने को मजबूर है। पिछले 4 दिनों से भारी वर्षा और सतलुज और ब्यास दरिया उफान पर है। कई इलाकों से बांध का पानी दरिया किनारों को तोडक़र निचले इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों के लिए जी का जंजाल बन चुका है।
इसी दौरान जहां लोगों की प्रशासन के प्रति नाराजगी पाई जा रही है, वही भारतीय सेना और एनडीआरएफ के जवानों की टीमें देवदूत बनकर बह रहे पानी में ग्रामीणों को बचाने के लिए उतरे हुए है। दूर-दराज व अन्य शहरों से आएं लोगों का हुजूम जमावड़ा बनकर तमाम हरकतों को अपने-अपने मोबाइल के जरिए पल-पल की खबरें सोशल मीडिया पर डाल रहे है।
दूसरी तरफ कई समाज सेविक संगठनों के लोग भी पीडि़त परिवारों के लिए लंगर-पानी और दूध की व्यवस्था के साथ-साथ मेडिकल सहायता पहुंचाने के लिए उतावले दिखे। इसी बीच सतलुज के किनारे बसे गांव जुलाहा-माजरा में पानी आने के कारण फंसे 4 लोगों में से 2 लोगों को पशु धन बकरियों समेत सेना के जवानों ने किश्ती के जरिए बाहर निकाला।
हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से सतलुज दरिया के संवेदनशील निर्धारित चिन्हों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है किंतु दरिया में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर की वजह से घुस्सी बांध के साथ गांवों के बाशिंदे सहमे हुए है।
आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों ने भी प्रशासनिक हिदायतों के बाद सुरक्षित स्थानों की ओर जाना शुरू कर दिया है। इसी बीच मतेवाल के गांव गढ़ीफाजल में भी पानी के बढ़ते प्रेशर से बांध में कटाव को रोकने के लिए पत्थरों से बांध बनाया गया है। जबकि सतलुज दरिया में तेजी से बढ़ रहे जलस्तर के कारण कई स्थानों पर बांध के नीचे से मिटटी खिसकनी शुरू हो गई है। इसी बीच कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने हालात की नजाकत को पहचानते हुए रोपड के इलाकों में हालात का जायजा लेने के लिए दौरा किया और बाढ़ पीडि़त क्षेत्र के लोगों से मिले।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ के कारण बर्बाद हो चुकी फसलों की विशेष गिरदावरी के हुकम देते आई.टी रोपड़ के विद्याथर््िायों और अधिकारियों को चंडीगढ़ में सुरक्षित स्थानों पर रखने के बंदोबस्त करने का हुकम भी दिया। इस दौरान कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने बाढ़ पीडि़त इलाकों के लिए 100 करोड़ रूपए की राहत राशि की घोषणा भी की।
पिछले 72 घंटों के दौरान पंजाब और हिमाचल प्रदेश में पड़ी बारिश के कारण दरियाई पानी का स्तर खतरनाक निशान तक पहुंचा है। सतलुज दरिया में बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण रोपड़ -जालंधर-लुधियाना-मोगा समेत फिरोजपुर के कई गांव पानी की चपेट में आ चुके है। इस दौरान ग्रामीणों का पशु धन और फसलों का बड़ा नुकसान होने की सूचना है।
पंजाब के दोआबा इलाके में सतलुज दरिया पर बसे फिल्लौर क्षेत्र में सतलुज नदी के किनारे बना बांध टूट जाने से कई गांवों का संपर्क अन्य क्षेत्रों से संपर्क टूट गया। इससे कई गांवों में काफी संख्या में लोग बाढ़ के पानी में फंस गए हैं। उनको निकालने की कोशिश की जा रही है। पानी में फंसे चार लोगों को काफी मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया। उधर सोमवार को भाखड़ा डैम का जलस्तर 1680.80 फीट तक पहुंच गया। 24 घंटे में पानी की आवक 130936 क्यूसेक दर्ज की गई है। 24 घंटे में डैम का जलस्तर 3.86 फीट बढ़ा है।
जालंधर के फिल्लौर के पास सतलुज नदी के किनारे बना बांध टूट गया। इससे नजदीकी गांवों ओवाल और भोलेवाल व आसपास के क्षेत्र में नदी का पानी घुस गया। इससे इन गांवों का संपर्क अन्य क्षेत्रों से टूट गया। इन गांवों में कुछ लोग पानी में फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने के लिए प्रशासन, सेना और एनडीआरएफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
प्रशासन के अनुसार अभी तक रेस्क्यू टीम ने बाढ़ में फंसे चार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। जालंधर के डीसी वरिंदर कुमार शर्मा का कहना है कि पानी में फंसे लोगों को निकालने के लिए रेसक्यू आपरेशन शुरू कर दिया गया है। फंसे लोगों को जल्द की बाहर निकाल लिया जाएगा।
लुधियाना के खन्ना क्षेत्र के गांव हौल में एक जर्जर मकान की छत गिर गई। इससे दंपती व उनके बेटे की मलबे में दबने से मौत हो गई। 11 साल की बच्ची बाल-बाल बच गई। लुधियाना के ही माछीवाड़ा साहिब में गांव मंड सुक्खेवाल में घर की छत गिरने से 70 वर्षीय किसान अनोख सिंह की मौत हो गई। लुधियाना शहर में ही बारिश दुकान में पानी भरने से आए करंट से एक दुकानदार की मौत हो गई। रूपनगर के नूरपुर बेदी में स्कूल में पानी घुसने से चौकीदार की तीन साल की बच्ची डूब गई।
– सुनीलराय कामरेड