नई दिल्ली : कॉमनवेल्थ खेलों मे भारतीय दल के प्रदर्शन पर पूरे देश की नज़रें लगी हैं। लेकिन यदि किसी खेल को लेकर सबसे ज़्यादा उत्सुकता है तो वह निसंदेह हॉकी है। पुरुष और महिला टीमें पिछले कुछ समय से बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। लेकिन समस्या यह है कि यहां मुकाबला अन्य खेलों की तुलना में ज़्यादा कठिन है। भारत के अलावा आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और कनाडा दावेदारों में शामिल हैं। भारतीय उम्मीदों के बारे में पुरुष टीम के कप्तान मनप्रीत कहते हैं कि उनकी टीम के खिलाड़ी पूरी तरह फिट हैं। चूंकि इस साल कामनवेल्थ, एशियाड और ओलंपिक खेले जाने हैं इसलिए सौ फीसदी फिटनेस ज़रूरी है।
उसे लगता है कि एशियाड की बजाए कामनवेल्थ ज़्यादा टफ है। मनप्रीत ने माना कि कोई भी दावा नहीं करना चाहेंगे क्योंकि आस्ट्रेलिया हमेशा से बड़ी चुनौती रहा है और इंग्लैंड को कमजोर आंकना भूल होगी। आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड पिछले कुछ सालों में भारतीय टीम के लिए सिरदर्दी रहे हैं। फिर भी हमे अपना श्रेष्ठ देना है। सरकार और हॉकी इंडिया ने हर प्रकार से समर्थन दिया है। अब आगे का काम हमे करना है।
पेनल्टी कार्नर के बारे में वह कहता है कि इस क्षेत्र में ख़ासी तैयारी चल रही है लेकिन रक्षापंक्ति को और मजबूती दिखानी होगी। महिला कप्तान रानी रामपाल भी कुछ ऐसा ही सोचती हैं। उन्हें भी लगता है कि भारत के मौके बराबर के हैं। हाल के दिनों में उनकी टीम ने कई अवसरों पर उलटफेर भी किए हैं। फिलहाल हर क्षेत्र मे प्रदर्शन ठीक चल रहा है। ज़रूरत इस बात की है कि खास दिन पर हमारे खिलाड़ी कैसा खेलते हैं।
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(राजेंद्र सजवान)