नई दिल्ली : बीसीसीआई इंटरनेशल लेवल पर टीम के बेहतर परफॉर्मेंस के लिए खिलाड़ियों की हेल्थ और फिटनेस पर नजर रखना चाहता है। इसके लिए वह नई पॉलिसी लेकर आ रहा है। इस पालिसी का मकसद चुनिंदा खिलाड़ियों पर टीम की निर्भरता को कम करके उनके प्रभावी विकल्प तैयार करना है। इससे इंटरनेशनल सीरीज से पहले खिलाड़ियों को फिट और तरोताजा रखा जा सकेगा और किसी क्रिकेटर के अनफिट होने पर फौरन उसे रिप्लेस किया जा सके।
आईपीएल के बाद बढ़ेगा प्रेशर
आईपीएल के बाद टीम इंडिया इंग्लैंड के दौरे पर जाएगी। इसमें आयरलैंड दौरा भी शामिल रहेगा। 2019 वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया को कई सीरीज भी खेलनी हैं। लगातार क्रिकेट खेलने से उन पर प्रेशर बढ़ेगा। सभी खिलाड़ियों के फिटनेस की जांच होती रहेगी। अगर किसी का परफॉर्मेंस ठीक नहीं है या वह चोटिल है तो उसे टीम से बाहर किया जा सकता है। इस काम में टीम के फिजियो पैट्रिक फारहार्ट नेशनल क्रिकेट एकेडमी में नजर रखेंगे। बोर्ड से अनुबंधित खिलाड़ियों के अलावा ऋषभ पंत, मयंक अग्रवाल, पृथ्वी शॉ और आवेश खान जैसे युवा खिलाड़ियों को भी इस लिस्ट में रखा जाएगा।
डेटा बेस में क्या शामिल किया जाएगा?
इसमें भारतीय खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस, फिटनेस लेवल, चोटें, स्वास्थ्य, साइकोलॉजी जैसी चीजों को मॉनिटर किया जाएगा। इस आधार पर भारतीय खिलाड़ियों का आकलन बेहतर हो सकेगा और टीम और अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम होगी।
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