बर्मिंघम : आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के दूसरे भारत और बांग्लादेश सेमीफाइनल मुकाबले में बांग्लादेश ने भारत को 265 का टारगेट दिया | कामचलाऊ स्पिनर केदार जाधव की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने बीच के ओवरों में शानदार प्रदर्शन करके बांग्लादेश को तमीम इकबाल और मुशफिकर रहीम की शतकीय साझेदारी के बावजूद 264 रन बनाये | भुवनेश्वर कुमार ने शुरू में ही दो विकेट निकालकर भारत को शानदार शुरूआत दिलायी लेकिन इसके बाद तमीम (70) और मुशफिकर (61) ने तीसरे विकेट के लिये 123 रन जोड़कर टीम को इन झटकों से उबारा। एजबेस्टन की सपाट पिच पर एक समय बांग्लादेश 300 रन तक पहुंचने की स्थिति में दिख रहा था लेकिन भारत ने बीच में 25 रन के अंदर इन दोनों के अलावा अनुभवी शाकिब अल हसन को आउट करके अच्छी वापसी की। कप्तान मशरेफी मुर्तजा ने 25 गेंदों पर नाबाद 30 रन बनाये। जाधव भारत के सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने छह ओवर में 22 रन देकर तमीम और मुशफिकर के महत्वपूर्ण विकेट लिये।
जसप्रीत बुमराह ने 39 रन देकर दो और भुवनेश्वर ने 53 रन देकर दो विकेट हासिल किये। रविंद, जडेजा ने 48 रन देकर एक विकेट लिया जिससे वह चैंपियन्स टऊाफी में भारत की तरफ से सर्वाधिक 16 विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। पिच के व्यवहार और भारत का लक्ष्य का पीछा करने में शानदार रिकार्ड को देखते हुए विराट कोहली ने टास जीतकर बांग्लादेश को पहले बल्लेबाजी के लिये आमंत्रित करने में देर नहीं लगायी और इसके बाद भुवनेश्वर ने शुरू में ही दो विकेट झटककर उनका यह फैसला सही भी साबित कर दिया। बादल छाये थे और पिच में नमी थी। ऐसे में भुवनेश्वर जैसे स्विंग गेंदबाज का सामना करना किसी भी बल्लेबाज के लिये आसान नहीं होता।
गेंदबाजी का आगाज करने वाले भुवनेश्वर ने पारी के पहले ओवर में सौम्य सरकार (शून्य) को बोल्ड कर दिया जो कवर ड्राइव मारने के प्रयास में गेंद अपने विकेटों पर खेल गये। शब्बीर रहमान (19) ने भुवनेश्वर के अगले ओवर में दो साहसिक शाट जमाये लेकिन इसी गेंदबाज की धीमी गेंद पर वह गच्चा खा गये और बैकवर्ड प्वाइंट पर खड़े जडेजा को आसान कैच दे बैठे। मुशफिकर दबाव समाप्त करने के मूड से ही क्रीज पर उतरे थे। भुवनेश्वर की लगातार गेंदों पर लगाये गये उनके तीनों चौके दर्शनीय थे। उन्होंने और तमीम ने रणनीतिक बल्लेबाजी की और केवल ढीली गेंदों पर बड़े शाट खेले। तमीम ने हार्दिक पंड्या पर छक्का जडऩे के बाद जडेजा पर चौका लगाकर 62 गेंदों पर अपना 38वां वनडे अर्धशतक पूरा किया। इसके बाद उन्होंने रविचंद्रन अश्विन पर लगातार तीन चौके लगाकर भारतीयों को सोचने के लिये मजबूर कर दिया। कोहली ने ऐसे में कामचलाऊ स्पिनर के तौर पर केदार जाधव को गेंद सौंपने का जुआ खेला जो सही साबित हुआ।
उनकी सीधी गेंद पर तमीम करारा शाट जमाने चाहते थे लेकिन उनकी टाइमिंग सही नहीं थी और गेंद उनके लेग स्टंप पर लगकर गिल्ली गिरा गयी। तमीम ने 82 गेंद की अपनी पारी में सात चौके और एक छक्का लगाया। इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने मध्यक्रम लडख़ड़ा दिया। जडेजा ने अनुभवी और भरोसेमंद शाकिब अल हसन (15)को देर तक नहीं टिकने दिया जो उनकी कोण लेती गेंद को नहीं समझ पाये और विकेट के पीछे महेंद, सिंह धोनी ने मुश्किल कैच को आसान बनाकर भारत को यह महत्वपूर्ण विकेट दिलाया। मुशफिकर भी अपना 26वां अर्धशतक पूरा करने के बाद पवेलियन लौट गये। जाधव ने लगातार खाली गेंदें करके उन्हें भी तमीम की तरह दबाव में ला दिया था। उनकी फुललेंथ गेंद को रहीम ने फुलटास के रूप में खेलकर मिडविकेट पर उछाला जहां कोहली ने उसे कैच में बदला। बुमराह ने मोसादेक हुसैन (15) और महमुदुल्लाह (21) को आउट करके डेथ ओवरों से पहले ही बांग्लादेश पर दबाव बढ़ा दिया। मशरेफी और तास्किन अहमद (नाबाद 10) ने आठवें विकेट के लिये 35 रन की उपयोगी साझेदारी की।