पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ का मानना है कि आईसीसी 2019 विश्वकप से पूर्व राष्ट्रीय टीम को महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह की जगह बेहतर विकल्प तलाशने होंगे। अंडर-19 टीम के कोच द्रविड़ और पूर्व तेज गेंदबाज अजीत आगरकर के अनुसार भारतीय टीम के विश्वकप से पूर्व अच्छे लेग स्पिनर और मध्यक्रम में चौथे और पांचवें क्रम पर बेहतर संयोजन तलाशने की भी जरूरत है।
पूर्व क्रिकेटरों ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि युवराज और धोनी को टीम से बाहर किया जाये लेकिन विश्वकप से पूर्व उनके विकल्प तैयार किये जाना जरूरी है। द्रविड़ ने कहा, ”चयनकर्ताओं और प्रबंधकों को इस बात का निर्णय करना होगा।”
उन्होंने कहा कि कुछ निर्णय खिलाड़ियों नहीं बल्कि प्रबंधन के हाथ में होते हैं और उन्हें भारतीय क्रिकेट के लिये एक सही रोड मैप तैयार करना होगा और इस बात पर विचार करना होगा कि क्या विश्वकप की टीम में इन दो खिलाड़ियों के लिये जगह होगी या फिर आप उपलब्ध प्रतिभाओं को परखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ”बोर्ड ने विंडीज दौरे पर मजबूत टीम को उतारा है। लेकिन इस दौरे के लिये अंतिम एकादश में नये खिलाड़ियों के साथ प्रयोग किया जा सकता था। लेकिन यदि अभी नये खिलाड़ियों को मौका नहीं दिया गया तो फिर समय नहीं होगा। हम जानते हैं कि युवराज और धोनी दोनों ही फिट खिलाड़ी हैं और दोनों अच्छा खेल रहे हैं। इस बारे में किसी को शिकायत नहीं है।”
लंदन में समाप्त हुई आईसीसी चैंपियंस ट्राफी में भले ही धोनी और युवराज का प्रदर्शन संतोषजनक रहा हो लेकिन पूर्व क्रिकेटर आगरकर का मानना है कि इन दोनों की मौजूदगी से टीम संयोजन में असंतुलन पैदा हुआ है क्योंकि कुछ टीमों के पास नंबर छह पर ऑलराउंडर मौजूद हैं लेकिन भारतीय टीम में केवल बल्लेबाज हैं। आगरकर ने कहा, ”चार और पांचवां क्रम काफी अहम है।
विराट ने चैंपियंस ट्राफी में अतिरिक्त छठा बल्लेबाज उतारा। हमारे पास हार्दिक पांड्या हैं जो अच्छा खेल रहे हैं, लेकिन रवींद्र जडेजा, अश्विन बल्लेबाजी नहीं कर सकते। भुवनेश्वर बल्लेबाजी कर सकते हैं। छठा बल्लेबाज विराट ने इसलिये उतारा क्योंकि वह चौथे और पांचवें नंबर के खिलाड़ी पर रनों के लिहाज से खास भरोसा नहीं कर सकते हैं।” उन्होंने कहा, ”युवराज और धोनी भारत के दिग्गज क्रिकेटर रहे हैं, लेकिन विश्वकप 2019 के मद्देनजर क्या ये सही खिलाड़ी हैं।
हमारी टीम में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनपर गंभीरता से विचार होना चाहिये। हमें खुशी है कि रिषभ पंत जैसे नये खिलाड़ी को मौका दिया गया है। लेकिन विश्वकप में हम धोनी और युवराज दोनों को अंतिम एकादश में उतारने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं।” आगरकर ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि धोनी और युवराज चौथे और पांचवें क्रम पर खेलने के लिये उपयुक्त खिलाड़ी हैं।
उन्होंने कहा, ”इन दो खिलाड़ियों की वजह से शीर्ष क्रम के तीन बल्लेबाजों पर काफी दबाव पैदा हो गया है। युवराज को भी चौथे क्रम के बजाय निचले क्रम पर बल्लेबाजी कराना ज्यादा बेहतर है।” मध्यक्रम में भारतीय टीम के पास हालांकि दिनेश कार्तिक और पंत के रूप में अच्छे विकल्प हैं जिन्हें विंडीज दौरे के लिये टीम में चुना गया है। मनीष पांडे और लोकेश राहुल के पास लेकिन रोहित शर्मा और शिखर धवन की मौजूदगी के रहते कुछ खास कर पाने की स्थिति नहीं है।
हालांकि अंतिम एकादश में जिन खिलाड़ियों को बल्लेबाजी का खास मौका नहीं मिल पा रहा है उनमें केदार जाधव भी शामिल हैं। द्रविड़ ने कहा कि अब समय आ गया है जब जाधव को अधिक मौका दिया जाये। उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि जाधव को नंबर चार पर मौका दिया जा सकता है क्योंकि वह छठे नंबर के बल्लेबाज नहीं है। यदि वह इस क्रम पर अच्छा करते हैं तो अच्छा होगा।”
उन्होंने हार्दिक को भी अहम खिलाड़ी बताते हुये उन्हें अधिक मौके दिये जाने का समर्थन किया। वह कुछ मैचों में चौथे और पांचवें नंबर पर खेल चुके हैं और इस क्रम पर अच्छे ऑलराउंडर साबित हो रहे हैं। द्रविड़ और आगरकर ने साथ ही उंगलियों के स्पिन रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा के आगे भी सोचने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ”हम सपाट विकेट पर खेल रहे हैं जहां उनके लिये खेलना आसान नहीं है। यदि आपको मध्य ओवरों में विकेट चाहिये तो कलाई के स्पिनरों को उतारना होगा। ये स्पिनर सपाट विकेट पर विकेट ले सकते हैं। कुलदीप इसमें एक अच्छा विकल्प हैं और उन्हें और मौके देने चाहिये।”