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कभी मिलते थे 250 रुपये, आज मिलते हैं 7 करोड़ रुपये

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भारतीय क्रिकेट में एक समय यह आलम था कि एक टेस्ट मैच के लिये क्रिकेटरों को 250 रूपये मिला करते थे और मैच जल्द समाप्त होने की सूरत में दिन के 50 रूपये कट जाया करते थे, लेकिन आज स्थिति यह है कि बीसीसीआई के शीर्ष ग्रेड में शामिल खिलाड़यों को सात करोड़ रूपये की मोटी फीस दी जा रही है। बीसीसीआई का संचालन देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने जब से भारतीय क्रिकेटरों के लिये नये अनुबंध की घोषणा की है तब से खिलाड़यों की फीस को लेकर काफी दिलचस्प तथ्य सामने आ रहे हैं। सीओए ने क्रिकेटरों के लिये एक नया ग्रेड ए प्लस शुरू किया है जिसमें शामिल पांच क्रिकेटरों को सालाना सात-सात करोड़ रूपये दिये जाएंगे। इसके बाद ए ग्रेड में पांच करोड़ रूपये, बी ग्रेड में तीन करोड़ और सी ग्रेड में एक करोड़ रूपये दिये जाएंगे।

क्रिकेटरों की मौजूदा भारी भरकम फीस को देखते हुये वह जमाना भी याद आ जाता है जब क्रिकेटरों को 1950 के दशक में एक टेस्ट मैच के लिये 250 रूपये मिला करते थे। पूर्व कप्तान और मशहूर लेफ्ट आर्म स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने उस समय को याद करते हुये कहा था’ मैंने जब 1967 में अपना टेस्ट करियर शुरू किया था तो मुझे एक टेस्ट मैच की फीस 700 रूपये मिला करती थी।’ बेदी ने कहा था’मुझे याद है जब 50 के दशक में न्यूजीलैंड की टीम भारत आयी थी तो भारत ने एक टेस्ट मैच चार दिन के अंदर जीत लिया था। उस समय बोर्ड ने खिलाड़यों की मैच फीस से एक बचे दिन के 50 रूपये काट लिये थे। उन्हें 250 रूपये के बजाय 200 रूपये दिये गये थे। मशहूर खिलाड़ नारी कांट्रैक्टर ने भी 50 के दशक को याद करते हुये बताया था कि उन्हें पांच दिनों के लिये 250 रूपये दिये जाते थे। कांट्रैक्टर ने एक दिलचस्प वाक्या बताया था कि एक बार तो उन्हें उनकी पूरी मैच फीस एक-एक रूपये के सिक्कों में दी गयी थी। उन्होंने कहा’ मैच समाप्त हो गया था और हम ट्रेन से लौट रहे थे तभी बीसीसीआई के अधिकारी हमारे पास आये और सिक्के थमा दिये।

मेरे पास इतना मौका भी नहीं था कि मैं उन्हें गिन पाता।’ अब से 12 वर्ष पहले 2006 में क्रिकेटरों के अनुबंध 50 लाख, 20 लाख और 15 लाख रूपये के थे जो अब बढ़कर सात करोड़, पांच करोड़, तीन करोड़ और एक करोड़ पहुंच गयी है। खिलाड़यों की वार्षिक फीस में सीओए ने पिछले साल के अनुबंध के मुकाबले जबरदस्त इजाफा किया है। पिछले साल खिलाड़यों को दो करोड़, एक करोड़ और 50 लाख रूपये मिलते थे। सात करोड़ रूपये के नये वर्ग में कप्तान विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह को रखा गया है। भारत के सबसे सफल कप्तान और इस समय सिर्फ सीमित ओवरों में खेल रहे महेंद्र सिंह धोनी को ए ग्रेड में जगह मिली है। बीसीसीआई इस अवधि में चारों अनुबंध में शामिल 26 खिलाड़यों को कुल 98 करोड़ रूपये फीस के रूप में देगा।

पुरूष क्रिकेटरों के मुकाबले महिला क्रिकेटरों की स्थिति सालाना फीस के मामले में बहुत अच्छी नहीं है। उन्हें ग्रेड ए में 50 लाख रूपये, ग्रेड बी में 30 लाख रूपये और ग्रेड सी में 10 लाख रूपये दिये जाएंगे। बीसीसीआई अपने तमाम खिलाड़यिं पर सालाना 125 करोड़ रूपये फीस के रूप में खर्च करेगा। घरेलू स्तर पर भी खिलाड़यों की फीस में जबरदस्त वृद्धि हुई है। पुरूष सीनियर में एकादश में खेलने वाले खिलाड़ को 35000 रूपये, अंडर-23 को 17500, अंडर-19 को 10500 और अंडर-16 को 3500 रूपये मिलेंगे जबकि महिला में सीनियर को 12500, अंडर-23 को 5500 और अंडर-19 तथा अंडर-16 को 5500 रूपये मिलेंगे। टी 20 मैचों के लिये फीस इन प्रत्येक वर्गों की 50 फीसदी होगी।

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