नई दिल्ली : वर्ष 2018 भारतीय हॉकी के लिए चार बड़ी चुनौतियां लेकर आया है। अजलन शाह कप के रूप मे पहली परीक्षा शुरू हो चुकी है। दूसरी चुनौती ग्लासगो कामनवेल्थ खेल हैं जहाँ भारतीय टीम को आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान जैसे प्रतिद्वंदियों से निपटना है। तीसरी बड़ी कसौटी एशियाई खेल हैं और चौथी सबसे बड़ी परीक्षा भुवनेश्वर मे खेले जाने वाले वर्ल्ड कप की होगी। देश के जाने माने ओलंपियन और पूर्व चैम्पियन मानते हैं कि भारतीय हॉकी के लिए यह साल अब तक का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण होगा। टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह जानते हैं कि वर्तमान टीम से देश को बहुत उम्मीदें हैं।
एक साक्षात्कार मे उन्होने स्वीकार किया कि भारत के पास एक उँचा मुकाम हासिल करने का बेहतरीन मौका है खिलाड़ी पूरी तरह फिट हैं और किसी भी टीम से निपटने की योग्यता रखते हैं। अजलन शाह कप के लिए कप्तान बनाए गये सरदार सिंह भी स्वीकारते हैं कि सरकार और हॉकी इंडिया के भरपूर समर्थन के बाद अब खिलाड़ियों को योग्यता साबित करनी है।
भारतीय टीम के पूर्व राइट आउट और अपने बालों के स्टाइल के कारण हमेशा चर्चा मे रहने वाले राम प्रकाश सिंह मानते हैं कि भारतीय टीम मे भरपूर योग्यता है। सभी खिलाड़ी अच्छी फार्म मे हैं और यदि इस बार नहीं तो शायद ही कभी मौका मिल पाएगा। इसी प्रकार की प्रतिक्रिया पूर्व कप्तान धनराज पिल्ले की रही, उनकी राय मे अब शिकायत के लिए कुछ नहीं बचा।
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(राजेंद्र सजवान)