सरकार को पीएनबी धोखाधड़ी मामले की जांच के लिये खुली छूट मिलनी चाहिए : उच्चतम न्यायालय  - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

सरकार को पीएनबी धोखाधड़ी मामले की जांच के लिये खुली छूट मिलनी चाहिए : उच्चतम न्यायालय 

NULL

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि अरबपति हीरों के व्यापारी नीरव मोदी की कथित संलिप्तता वाली 11000 करोड़ रूपए से अधिक रकम की पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले की जांच के लिये सरकार को खुली छूट मिलनी चाहिए। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की खंडपीठ ने कहा कि जांच एजेन्सियों के सही तरीके से काम करने में विफल रहने पर ही वह हस्तक्षेप करेगी। केन्द्र की ओर से अटार्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने इस धोखाधड़ी मामले की निष्पक्ष जांच और नीरव मोदी को वापस लाने के लिये दायर जनहित याचिका का पुरजोर विरोध करते हुये पीठ से कहा, ‘‘इसमें जांच शुरू हो गई है और प्राथमिकियां भी दर्ज हो चुकी हैं।’’ इस पर पीठ ने कहा, ‘‘यदि सरकार अपेक्षा के अनुरूप काम नहीं करेगी तो आप (याचिकाकर्ता) आ सकते हैं। ऐसा नहीं है कि सरकारी एजेन्सियां कार्रवाई नहीं कर रही हैं।’’ पीठ ने कहा कि सरकार को इस घोटाले की जांच के लिये खुली छूट मिलनी चाहिए।

जनहित याचिका दायर करने वाले वकील विनीत ढांडा ने पीठ से अनुरोध किया कि इस पर या तो नोटिस जारी किया जाये या फिर केन्द्र से प्रगति रिपोर्ट मांगी जाये क्योंकि ‘‘पूरा देश देख रहा है कि सरकार ने विजय माल्या से संबंधित ऐसे ही मामले में कुछ नहीं किया।’’ वेणुगोपाल की दलीलों में ढांडा के हस्तक्षेप पर गंभीर रूख अपनाते हुये पीठ ने कहा, ‘‘भाषणों का न्यायालय पर कोई असर नहीं होता है। हम भावनात्मक पहलू नहीं बल्कि कानूनी मुद्दे सुनेंगें। याचिका पर बहस करने का यह तरीका नहीं है। इसका मकसद प्रचार पाना ही है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘यह प्रचार पाने की याचिकाएं हैं और याचिकाकर्ता के वकील दीर्घा को प्रभावित कर रहे हैं।’’ इसके बाद पीठ ने याचिका की सुनवाई 16 मार्च के लिये स्थगित करते हुये कहा, ‘‘हम आज इस पर कुछ नहीं कह रहे हैं।’’

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि याचिका पर अटार्नी जनरल की आपत्तियों पर अगली तारीख पर सुनवाई की जायेगी। इस याचिका में पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय और विधि एवं न्याय मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका में इस बैंकिंग घोटाले में कथित रूप से शामिल नीरव मोदी और अन्य को वापस लाने के लिये दो महीने के भीतर कार्यवाही शुरू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। सीबीआई ने इस मामले में नीरव मोदी और उसके रिश्तेदार गीतांजलि जेम्स के मेहुल चोकसी और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ बैंक के साथ 11400 करोड़ रूपए की कथित धोखाधड़ी करने मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। पहली प्राथमिकी 31 जनवरी को और दूसरी कुछ दिन पहले ही दर्ज की गयी है। इस मामले को लेकर एक अन्य वकील मनोहर लाल शर्मा ने भी याचिका दायर की है लेकिन वह अभी तक सुनवाई के लिये नहीं आ सकी है।

देश और दुनिया का हाल जानने के लिए जुड़े रहे पंजाब केसरी  के साथ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

1 × 5 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।