हॉकी के सामने कड़ी चुनौती - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

हॉकी के सामने कड़ी चुनौती

NULL

नई दिल्ली : भारतीय खेलों के लिए यह साल ख़ासा महत्व रखता है लेकिन हॉकी के लिए कुछ खास है। कारण, 2018 मे भारतीय हॉकी को तीन बड़ी चुनौतियों का सामना करना है। कामनवेल्थ खेल, एशियाड और वर्ल्ड कप मे भारत को दुनिया की टाप टीमों से जूझना है। लेकिन क्या भारतीय हॉकी कसौटी पर खरी उतर पाएगी , यह सवाल आम हॉकी प्रेमी के लिए उत्सुकता का विषय बना हुआ है। इसमे दो राय नहीं कि एशिया मे भारतीय हॉकी के लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं है। पाकिस्तान और कोरिया मे पहले जैसा दम नहीं रहा और जापान, मलेशिया आदि भी भारत के लिए बड़ा ख़तरा शायद ही हों। भुवनेश्वर मे अपनी मेजबानी मे खेला जाने वाला वर्ल्ड कप ही असली मुकाबला हो सकता है।

हालाँकि कामनवेल्थ खेलों मे आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड भारतीय हॉकी को घेरने की कोशिश मे रहेंगे। पिछले कुछ सालों से दोनों ही भारत को ख़ासा परेशान करते आ रहे हैं। खैर, इस आयोजन से भारत की वर्ल्ड कप तैयारियों का भी पता चल जाएगा। विश्व स्तर पर भारतीय हॉकी को हैरान परेशान करने वाली टीमों मे आस्ट्रेलिया , इंग्लैंड के अलावा हालैंड , जर्मनी बेलजियम , अर्जेंटीना और स्पेन भी शामिल हैं।अर्थात पिछले कुछ सालों मे कुछ और देश आगे बढ़े हैं। भारत ने एक मात्र बार 1975 मे वर्ल्ड कप जीता था। तत्पश्चात 42 साल बीत जाने के बाद भी भारतीय हॉकी टीम कुछ खास नहीं कर पाई है। ओलंपिक स्वर्ण जीते भी 33 साल हो गये हैं। बीच के सालों मे जमकर बहाने बाजी की गई। कभी अंपायरों पर बेईमानी के आरोप लगाए गये तो कभी यूरोप पर एशियाई शैली को बर्बाद करने के आरोप लगे। लेकिन अब कोई बहाना नहीं चलेगा।

अब नरेंद्र बत्रा के रूप मे एशिया और भारत का प्रतिनिधि वर्ल्ड हॉकी के शीर्ष पद पर है। उनके कारण ही भारतीय हॉकी का पूरी तरह कायाकल्प हुआ है। खिलाड़ी लाखों पा रहे हैं, हॉकी लीग की शुरुआत के कारण बहुत कुछ बदला है। विदेशी कोच सिखा पढ़ा रहे हैं हॉकी एक्सपर्ट्स की माने तो भारतीय खिलाड़ी अन्य देशों की तुलना मे सबसे बेहतर स्थिति मे हैं। अब गेंद खिलाड़ियों और टीम के पाले मे है। देखना यह होगा कि देशवासियों को बदले मे क्या देते हैं फिलहाल, विदेशों मे आयोजित कुछ आयोजनों मे भारतीय टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन सवाल बड़े आयोजनों मे बेहतर करने और पदक जीतने का है।

अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहाँ क्लिक  करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nineteen − 15 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।