भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के तीसरे दिन आज यहां तीसरे सत्र में बारिश के कारण खेल रोकना पड़ा। कप्तान विराट कोहली (153 रन) की विदेशी जमीन पर खेली गयी बेहतरीन कप्तानी पारी से भारत ने झटकों से उबरते हुये दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन सोमवार को अपनी पहली पारी में 307 रन बनाये। मेजबान टीम को इससे 28 रन की बढ़त मिली है। भारत ने अपनी पहली पारी कल के 183 रन पर पांच विकेट से आगे शुरू की। उस समय कप्तान विराट 85 रन और ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या 11 रन पर नाबाद थे। विराट ने एक छोर संभालते हुये अपने चिर परिचित अंदात्र में खेलना शुरू किया और वह आखिरी बल्लेबात्र के रूप में 307 के स्कोर पर आउट हुये। दक्षिण अफ्रीका के दो विकेट पर 68 रन है और उसकी कुल बढ़त 96 रन की हो गयी है। जब बारिश के कारण खेल रोकना पड़ा तब एबी डिविलियर्स 35 और डीन एल्गर 29 रन पर खेल रहे थे।
विराट ने 217 गेंदों का सामना किया और 153 रन में 15 चौके लगाये। विराट का 65 टेस्टों में यह 21वां शतक है और विदेशी जमीन पर उनका यह तीसरा सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। एक छोर से बल्लेबात्रों से खास मदद नहीं मिलने पर भी विराट ने अपना धैर्य संभाले रखा और टेस्ट करियर का अपना 21वां शतक भी जड़ दिया। विराट ने इसी के साथ मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को भी पीछे छोड़ दिया जिन्होंने 110 पारियों में इतने शतक बनाये थे। भारतीय कप्तान 109 पारियों में 21 शतकों तक पहुंचे। वह सबसे तेत्र 21 शतक लगाने वाले चौथे बल्लेबात्र और दक्षिण अफ्रीका की त्रमीन पर शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय कप्तान बन गये हैं।
एक समय बड़ बढ़त की ओर दिख रही दक्षिण अफ्रीका को सुबह के सत्र में काफी संघर्ष करना पड़ लेकिन फिर नयी गेंद से उन्हें विकेट मिले और ब्रेक से 15 मिनट पहले उसने रविचंद्रन अश्विन(38) और मोहम्मद शमी(एक) के विकेट निकाले। इससे पहले विराट के साथ एक छोर पर डटे हुये कल के नाबाद बल्लेबात्र पांड्या केपटाउन वाले प्रदर्शन को नहीं दोहरा सके और अपने स्कोर में चार रन का ही इजाफा कर सके थे कि वेर्नोन फिलेंडर की सटीक थ्रो पर वह रनआउट हो गये। पांड्या ने 45 गेंदों में दो चौके लगाकर 15 रन बनाये और 209 के स्कोर पर छठे बल्लेबात्र के रूप में आउट हुये। वह मैच में रनआउट होने वाले चौथे बल्लेबात्र भी बने।
विराट ने हालांकि दक्षिण अफ्रीका के गेंदबात्रों के सामने घुटने नहीं टेके और अश्विन के साथ सातवें विकेट के लिये 14.2 ओवर में 71 रन की बहुउपयोगी साझेदारी की। निचले क्रम पर हमेशा उपयोगी साबित होने वाले अश्विन ने 54 गेंदों की पारी में सात चौके लगाकर 38 रन बनाये। लेकिन फिलेंडर ने उन्हें फाफ डू प्लेसिस के हाथों कैच कराकर पवेलियन भेज दिया। इस साझेदारी के टूटने से विराट सबसे अधिक निराश दिखे और बल्ले को पटककर जमीन पर मारा। वहीं टीम का आठवां विकेट एक रन बाद ही शमी के रूप में गिर गया जिन्हें मोर्न मोर्कल ने हाशिम अमला के हाथों पहली स्लिप में कैच कराकर लंच से पहले 281 पर भारत के तीन विकेट निकाल लिये। विराट लंच के समय 141 रन बनाकर नाबाद क्रीज पर थे।
लंच के बाद मोर्कल ने इशांत का संघर्ष भी समाप्त कर दिया जिन्होंने 20 गेंदों में तीन रन बनाये लेकिन अपने कप्तान के साथ नौवें विकेट के लिये 25 रन की साझेदारी की। विराट 93 ओवर की पहली गेंद पर मोर्कल का ही शिकार बने और इसी के साथ भारतीय पारी समाप्त हो गयी। मोर्कल 22.1 ओवर में 60 रन पर चार विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका के सबसे सफल गेंदबात्र रहे जबकि केशव महाराज को 67 रन, फिलेंडर को 46 रन, कैगिसो रबादा को 74 रन और लुंगी एनगिदी को 51 रन पर एक एक विकेट मिला।
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