मुंबई: श्रृंखला जीत चुकी भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ तीसरे और आखिरी टी 20 क्रिकेट मैच में व्हाइटवाश के इरादे से उतरेगी और इसमें उसे बेंच स्ट्रेंथ को भी आजमाने का मौका मिलेगा। श्रीलंका के लिये यह दौरा काफी निराशाजनक रहा है और भारत के हाथों दो मैचों में मिली हार ने उसकी परेशानी और बढा दी है। भारत ने कटक में पहले मैच में श्रीलंका को 93 रन से हराया और इंदौर में दूसरा मैच 88 रन से जीतकर श्रृंखला अपने नाम कर ली।
इससे पहले वनडे श्रृंखला में श्रीलंका को।2 से पराजय झेलनी पड़ थी जबकि टेस्ट श्रृंखला में भी उसका सफाया हो गया। दूसरी ओर भारत ने सभी प्रारूपों में सफलता हासिल की है और दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले एक और जीत के साथ मनोबल बढाना चाहेगी। दक्षिण अफ्रीका में उसे तीन टेस्ट, छह वनडे और तीन टी20 मैच खेलने है। लगातार एकतरफा मुकाबले दक्षिण अफ्रीका के कठिन दौरे के लिये अच्छी तैयारी नहीं कहे जायेंगे लेकिन सकारात्मक बात यह है कि कप्तान विराट कोहली समेत सीनियर्स की गैर मौजूदगी में युवा खिलाडय़रों ने वनडे और टी20 श्रृंखलाओं में अच्छा प्रदर्शन किया है। कार्यवाहक कप्तान रोहित शर्मा ने सबसे तेज टी20 शतक के डेविड मिलर के रिकार्ड की बराबरी की।
उन्होंने इंदौर में 43 गेंद में शतक बनाया और अपने घरेलू मैदान पर वह इस फार्म को बरकरार रखना चाहेंगे। पहले मैच में अच्छा स्कोर करने वाले स्थानीय खिलाड़ अय्यर अच्छी शुरूआत को बड़ पारी में बदलना चाहेंगे। भारत ने कल धोनी को बल्लेबाजी क्रम में रूपर भेजा था और पूर्व कप्तान ने तेजी से रन बनाकर इस फैसले को सही साबित किया। मुंबई में भी इसे दोहराया जा सकता है। भारतीय बल्लेबाजी क्रम किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ सकता है। इसका श्रेय इंडियन प्रीमियर लीग और भारतीय क्रिकेट के शानदार बुनियादी ढांचे को जाता है।
युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के साथ नियमित तौर पर विकेट लेते हुए अपनी जगह पक्की कर ली है। चयनकर्ताओं की नजरें सौराष्ट्र के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट पर भी रहेगी जो आशीष नेहरा के संन्यास के बाद उनकी जगह ले सकते हैं। हार्दिक पंडया और जसप्रीत बुमरा की टीम में जगह पक्की है और अच्छे प्रदर्शन् से आगामी दौरे से पहले उनका मनोबल बढेगा। वैसे श्रृंखला जीतने के बाद टीम प्रबंधन बासिल थम्पी, वाशिंगटन सुंदर और दीपक हुड्डा को भी आजमा सकता है। इस बीच श्रीलंका को करारा झटका लगा जब एंजेलो मैथ्यूज मांसपेशी में खिंचाव के कारण टीम से बाहर हो गए। उनकी गैर मौजूदगी में उपुल थरंगा जैसे सीनियर खिलाडय़रों को जिम्मेदारी लेनी होगी। गेंदबाजों में नुवान प्रदीप, तिसारा परेरा और मैथ्यूज काफी महंगे साबित हुए जिन्हें भारतीय बल्लेबाजों पर नकेल कसने के तरीके तलाशने होंगे।
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