भारत ने पहली बार फीफा अंडर 17 विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट में खेलने का इतिहास तो बनाया लेकिन उसे अमेरिका के हाथों शुक्रवार को यहां जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 0-3 से हार का सामना करना पड़ा। भारतीय खिलाड़ियों ने मैच में अपने से बेहतर टीम के खिलाफ सराहनीय प्रदर्शन किया लेकिन कुछ मौकों पर भाग्य ने उसका साथ नहीं दिया जिससे मेजबान टीम के हाथों से एक- दो गोल करने का मौका निकल गया।
दूसरे हाफ में भारत का एक शॉट तो पोस्ट से ही टकरा गया। अमेरिका के लिए जोश सार्जेंट ने 30 वें मिनट में पेनल्टी पर गोल किया जबकि क्रिस डॉर्किन ने 51 वें मिनट में बाएं पैर से बेहतरीन वॉली लगते हुए दूसरा गोल किया। अमेरिका का तीसरा गोल एंड्रयू कार्लटन ने 84 वें मिनट में काउंटर अटैक पर किया।
भारतीय खिलाड़ियों ने निश्चित रूप से अच्छा प्रदर्शन किया अगले मैच के लिए मनोबल मजबूत होगा। भारत को अब अपने डिफेन्स पर ध्यान देना होगा जिसमें चूक के कारण अमेरिकी खिलाड़ियों को गोल करने का मौका मिल गया। अमेरिका के सबसे अनुभवी खिलाड़ी और कप्तान सार्जेंट को 30 वें मिनट में भारतीय बॉक्स में गिराया और रेफरी ने सीधे पेनल्टी का इशारा कर दिया।
फॉरवर्ड सार्जेंट खुद पेनल्टी लेने आये और उन्होंने भारतीय गोलकीपर धीरज मोईरंगथम को आसानी से छका दिया। सार्जेंट का शॉट गोल के बाएं हिस्से में गया जबकि धीरज ने दायीं तरफ छलांग लगायी। दूसरे हाफ में 51 वें मिनट में अमेरिका के कार्नर पर डिफेन्स की चूक भारत को भारी पड़ गयी। कार्नर पर भारतीय खिलाड़ी गेंद को ठीक से क्लियर नहीं कर सके और कार्लटन ने बाएं पैर से शक्तिशाली वॉली लगते हुए न केवल भारतीय डिफेन्स को चीर दिया बल्कि अमेरिका का दूसरा गोल भी दाग दिया।
भारतीय टीम पहले हाफ में अमेरिका के गोल पर एक निशाना ही साध पायी। यह मौका 42 वें मिनट में मिला था लेकिन शॉट सीधे अमेरिकी गोलकीपर के हाथों में गया। दूसरा गोल खाने के चार मिनट बाद कोमल थाटल की किक पोस्ट के ऊपर से निकल गयी। भारतीय खिलाड़ी लगातार कोशिश करते रहे और 83 वें मिनट में अनवर अली का बेहतरीन शॉट पोस्ट से टकरा गया। भारत के हाथ से कम से कम एक गोल करने का मौका निकल गया।
ये मौका चूकने से भारतीय खिलाड़ी इतने निराश हो गए कि अपने डिफेन्स की तरफ जल्दी नहीं लौट सके। इसका फायदा उठाकर कार्लटन ने गेंद संभाली और बढ़ चले भारतीय गोल की तरफ। कार्लटन ने भारतीय बॉक्स में घुसने के बाद गोलकीपर धीरज को छकाया और आसानी से अमेरिका का तीसरा गोल दाग दिया।