भारतीय महिला हॉकी टीम ने रविवार को महिला एशिया कप के फाइनल में चीन को मात देते हुए खिताब अपने नाम कर लिया है। आपको बता दे कि भारतीय महिला हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रविवार को चीन को शूटआउट में 5-4 से हराकर एशिया कप हॉकी टूर्नामेंट का चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया।
भारत और चीन के बीच जबर्दस्त मुकाबले में दोनों टीमें निर्धारित समय तक 1-1 से बराबरी थी जिसके बाद शूटआउट में भारत ने 5-4 से बाजी मार ली। भारत ने ग्रुप चरण में भी चीन को 4-1 से हराया था और अब खिताबी मुकाबले में चीन को शूटआउट में शिकस्त देकर नया इतिहास बना दिया।
भारत की महिला टीम की इस जीत के साथ अब एशिया में पुरुष और महिला हॉकी खिताब एक साथ भारत के नाम आ गए हैं। भारतीय हॉकी के इतिहास में 14 साल बाद जाकर यह मौका आया है जब पुरुष और महिला एशिया कप भारत की झोली में आ गए हैं। इससे पहले 2003 में दोनों खिताब भारत के नाम एकसाथ आए थे।
भारत ने मैच के 25वें मिनट में नवजोत कौर के मैदानी गोल से बढ़त बनाई। लेकिन चीन ने 47वें मिनट में तियानतियान लुआओ के पेनल्टी कार्नर पर किये गये गोल से बराबरी हासिल कर ली। मैच फिर शूटआउट में चला गया।
शूटआउट में दोनों ही टीमों ने चार-चार बार निशाने साधे। भारत के लिए कप्तान रानी, मोनिका, नवजोत कौर और लिलिमा मिंज ने निशाने साधे जबकि नवनीत कौर अपना मौका चूक गईं। चीन के लिए मियू लियांग, वेनयू जू, ना वांग और यी चेन ने निशाने साधे। लेकिन कप्तान क्यूजिया कुई मौका चूक गईं।
इसके बाद सडन डैथ में मियू लियांग ने मौका गंवाया। लेकिन कप्तान रानी ने मौका भुनाते हुए भारतीय महिला टीम को एशिया कप का चैंपियन बना दिया।
इससे पहले दक्षिण कोरिया ने मेजबान जापान को 1-0 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया। जापान को चौथा, मलेशिया को पांचवां, थाईलैंड को छठा, कजाखिस्तान को सातवां और सिंगापुर को आठवां स्थान हासिल हुआ।