गोल्ड कोस्ट : सीरिंज विवाद के बावजूद ऊंचे मनोबल के साथ भारतीय दल शुरू हो रहे राष्ट्रमंडल खेलों में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के इरादे से उतरेगा हालांकि इन खेलों को लेकर उत्साह इस शहर में अभी तक नजर नहीं आ रहा। खेलों की शुरूआत में बस एक दिन रह गया है लेकिन गोल्ड कोस्ट में कोई उत्साह नहीं दिख रहा। शहर भर में 71 राष्ट्रमंडल देशों के इस्तकबाल के साइनबोर्ड लगे हैं लेकिन वह त्यौहार सरीखा माहौल नहीं दिख रहा जो आम तौर पर हर चार साल में राष्ट्रमंडल देशों के इस खेल महासमर के मेजबान शहर में नजर आता है। ग्लास्गो में पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने 15 स्वर्ण, 30 रजत और 19 कांस्य समेत 64 पदक जीते थे। इस बार 218 सदस्यीय दल से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद होगी।
अपेक्षाओं का अधिकांश बोझ निशानेबाजों, मुक्केबाजों, बैडमिंटन खिलाड़ियों और पहलवानों पर होगा जो बेहतरीन फार्म में है। दोनों हाकी टीमों से भी पदक की उम्मीद रहेगी। पी वी सिंधू, जीतू राय, साइना नेहवाल, एम सी मेरीकाम, सुशील कुमार और विनेश फोगाट पदक उम्मीदों में से हैं। जिम्नास्ट और टेबल टेनिस खिलाड़ी भी उलटफेर कर सकते हैं। इन खेलों में जमैका के फर्राटा धावक योहान ब्लैक, विश्व चैम्पियन बाधा धाविका सैली पीयरसन, ब्रिटिश गोताखोर टाम डाले और दक्षिण अफ्रीका की कास्टर सेमेन्या जैसे खिलाड़ी भी नजर आयेंगे।
स्पर्धायें पांच अप्रैल से शुरू होगी जबकि कल उद्घाटन समारोह है । भारत को पहला पदक शुरूआती दिन ही मिल सकता है। जब विश्व चैम्पियन भारोत्तोलक मीराबाई चानू 48 किलो वर्ग में उतरेगी। इसी दिन बैडमिंटन खिलाड़ी, मुक्केबाज और टेबल टेनिस खिलाड़ी अपने अभियान का आगाज करेंगे।
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