मिलान : दुनियाभर में फुटबाल के प्रशंसकों के लिये यह खबर निश्चित ही हैरानी की बात है कि इटली जैसी चार बार की चैंपियन टीम अगले फीफा विश्वकप के लिये क्वालीफाई करने से ही चूक गयी है, जो उसके लिये भी 60 वर्षों में पहला मौका है। इटली का घरेलू मैदान पर स्वीडन के साथ विश्वकप क्वालिफिकेशन मैच 0-0 से ड्रा समाप्त हुआ। इस परिणाम के साथ स्वीडन ने 1-0 के औसत के आधार पर अगले वर्ष रूस में होने वाले फुटबाल विश्वकप टूर्नामेंट के लिये अपना टिकट बुक करा लिया।
स्वीडन के लिये भी यह जीत हैरानी भरी है जबकि चार बार का चैंपियन इटली वर्ष 1958 के बाद से कभी भी विश्वकप में अनुपस्थित नहीं रहा है और यह 60 वर्षों में पहला मौका है जब वह फीफा विश्वकप के लिये क्वालीफाई नहीं कर सका है। मैच में हालांकि घरेलू टीम ने गोल के कई मौके बनाये लेकिन वह स्वीडन के गोलकीपर रॉबिन ओल्सन को छकाकर एक भी गोल नहीं दाग सकी। यह स्थिति तब थी जब इटली ने मैच में 75 फीसदी गेंद को अपने कब्जे में रखा, लेकिन कीपर ओल्सन की दीवार और पेनल्टी की लगातार खारिज होती गयी अपील से वह एक भी गोल नहीं कर सका। स्वीडन के कोच जैन एंडरसन ने राहत की सांस लेने के बाद कहा कि हमने अपनी ओर से कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। हमारे खिलाड़ी बहुत प्रतिभाशाली हैं और इससे ज्यादा हम नहीं कर सकते थे।
इटली के लिये मैच में सिरो इमोबाइल गोल करने के काफी करीब पहुंचे थे लेकिन ओल्सन ने उसे काफी चतुराई से रोक दिया। मैच की समाप्ति की घोषणा के साथ ही इटली के सभी खिलाड़ी पिच पर गिर पड़े जबकि ज्यार्जियो चिलानी बुरी तरह से रोने लगे। दूसरी ओर घरेलू समर्थकों की स्थिति भी देखने वाली थी और स्टेडियम में चारों ओर से दर्शकों ने टीम के खिलाफ हूटिंग और नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि इटली के क्वालीफाई नहीं करने ने रूस 2018 फीफा विश्वकप के रोमांच को जरूर अभी से फीका कर दिया है क्योंकि उसके अलावा अगले वर्ष इस बड़े टूर्नामेंट में हॉलैंड, अमेरिका और घाना की टीम भी दिखाई नहीं देगी।
मैच में स्टॉपेज टाइम के पांचवें मिनट में सैन सिरो स्टेडियम में दोनों ओर से खिलाड़ी गोल के लिये हर संभव कोशिश करते दिखे जबकि एलेसांद्रो फ्लोरेंजी जब भी कार्नर से किक के लिये तैयार होते तो उससे पहले गेंद को बार-बार चूमते। दूसरी और स्वीडन इटली से अधिक शांत दिखाई दी और अंतत: दुनिया की सर्वश्रेष्ठ 32 टीमों के विश्वकप से इटली बाहर हो गयी। फीफा विश्वकप में ब्राजील ने सर्वाधिक 20 बार और जर्मनी ने 16 बार अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है जबकि इस मामले में इटली तीसरे नंबर पर है जो 14 बार विश्वकप में खेल चुका है और चार बार चैंपियन रहा है। यह भी दिलचस्प है कि रूस में अगले वर्ष आईसलैंड और पनामा जैसी नई और छोटी टीमें दिखाई देंगी। वहीं स्वीडन 2006 के बाद पहली बार विश्वकप के लिये क्वालीफाई कर रहा है और रूस का टिकट पाने वाला 29वां देश है। 2018 विश्वकप के लिये शेष बचे तीन स्थानों का फैसला इस सप्ताह हो जाएगा।