नई दिल्ली: मोदी सरकार ने खेलों की दुनिया में देश को आगे की कतार में लाने के लिये देश के कोने-कोने से प्रतिभाएं तलाशने एवं उन्हें तराश कर 20 हजार विश्वस्तरीय खिलाड़ी तैयार करने की योजना बनायी है। सरकार ने खेलों में लालफीताशाही को कम करने के लिये भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) का आकार अगले पांच साल में घटाकर आधा करने का भी फैसला किया है और इसमें निजी क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों एवं उद्योग जगत को भी जोड़ने की योजना तैयार की है।
प्रशिक्षकों की भूमिका को महत्व देते हुए उनकी रेटिंग करके डाटा बैंक तैयार करने तथा उन्हें वित्तीय पुरस्कारों के दायरों में लाने एवं उनके वेतनभत्तों में सुधार करने का निर्णय लिया गया है। केन्द्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि खेलों में भारतीय खेल प्राधिकरण का पुनर्गठन किया जाएगा और उसमें से प्राधिकार समाप्त करके उसे सेवा की श्रेणी में लाया जाएगा। राठौड़ ने कहा कि प्राधिकार के कारण ही खेलों का बेड़गर्क हुआ है। इस संस्था का पूरा बजट तो वेतन में चला जाता है। सरकार ने तय किया है कि 2022 तक साई का आकार पचास प्रतिशत घटा दिया जाएगा।