नई दिल्ली : अपने जमाने के दिग्गज सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने फिरोजशाह कोटला के गेट नंबर दो का नामकरण उनके नाम पर किये जाने को सकारात्मक कदम करार देते हुए उम्मीद जतायी कि दिल्ली में भविष्य में अन्य खिलाड़ियों के नाम पर भी स्टैंड का नामकरण किया जाएगा। सहवाग दिल्ली के पहले क्रिकेटर हैं जिनके नाम पर कोटला के किसी गेट का नामकरण किया गया है। अब गेट नंबर दो उनके नाम से जाना जाएगा और इस आक्रामक बल्लेबाज ने अपने कई पूर्व साथियों की मौजूदगी में स्वयं उसका उदघाटन किया।
सहवाग ने कहा कि मुझे बड़ी खुशी है कि दिल्ली में एक अच्छी शुरूआत हुई है और मेरे नाम से गेट का नाम रखा गया है। हो सकता है कि आने वाले समय में अन्य खिलाड़ियों के नाम से अन्य स्टैंड, गेट और यहां तक कि ड्रेसिंग रूम के भी नाम रखे जाएं। डीडीसीए का य़ह सकारात्मक कदम है। इस मौके पर पूर्व क्रिकेटर मदनलाल, यशपाल शर्मा, चेतन शर्मा, राहुल संघवी, संजीव शर्मा, गुरशरण सिंह, अतुल वासन, सबा करीम, हरि गिडवानी, सुनील वालसन, आकाश लाल, सबा करीम, रजत भाटिया, राजू शर्मा तथा सहवाग के पहले कोच एएन शर्मा भी उपस्थित थे।
सहवाग ने कहा, मेरी दिली तमन्ना थी कि जब भी ऐसा कोई समारोह हो तो हम उन सब क्रिकेटरों को बुलाये जिनका दिल्ली और देश की क्रिकेट में अहम योगदान रहा है। मुझे बहुत खुशी वे सब खिलाड़ी आज यहां पर मौजूद थे। इन सभी दोस्तों से इस गेट पर मिलकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा, केवल वही साथी नहीं आ पाये दिल्ली में नहीं थे। मोहिंदर अमरनाथ, बिशन सिंह बेदी नहीं आ पाये लेकिन उनकी उम्र भी है और मैं उनके नहीं आने के कारण समझ सकता हूं। बेदी साहब रणजी ट्राफी में मेरे पहले कोच भी थे और उन्होंने मुझे काफी प्रेरित किया। जिम्मी पा से भी बल्लेबाजी के काफी टिप्स मैंने लिये थे। सहवाग को थोड़ी निराशा भी है कि उनकी मां और पत्नी इस मौके उपस्थित नहीं हो पायी।