केपटाउन टेस्ट हारने के बाद भारतीय टीम में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। टीम में अजिंक्य रहाणे की वापसी लगभग तय है, वहीं ओपनिंग बल्लेबाजी क्रम में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टीम जब केपटाउन टेस्ट खेलने उतरी, तो टीम में वो नाम थे जिसके बारे में किसी ने सोचा नहीं था। रोहित शर्मा को प्लेइंग इलेवन में खिलाना आश्चर्यजनक फैसला था। हालांकि इसका टीम को फायदा भी नहीं हुआ क्योंकि रोहित पहले टेस्ट में कुछ खास नहीं कर पाए। ऐसे में अब अजिंक्य रहाणे को टीम में वापस लाने की चर्चा शुरु हो गई। रहाणे का विदेशी पिचों पर टेस्ट रिकॉर्ड काफी बेहतर है। ऐसे में जब वह 15 सदस्यीय टीम में शामिल हैं, तो क्यों न उन्हें अंतिम एकादश में शामिल किया जाए। वहीं लोकेश राहुल को लेकर भी दिलचस्पी बनी रहेगी। केपटाउन टेस्ट के बाद विराट कोहली ने बताया था कि राहुल पर शिखर धवन को तरजीह क्यों दी गई थी।
विराट ने कहा ‘हमारा मानना है कि बांए हाथ का बल्लेबाज टीम के लिए मददगार साबित होता है। दक्षिण अफ़्रीका के पास 2 बांए हाथ के बल्लेबाज़ हैं। क्विंटन डि कॉक और डीन एल्गर। बांए हाथ के बल्लेबाज के होने से टीम में विवधता आती है जिससे गेंदबाजों को एक लाइन से गेंदबाजी करने में दिक्क़त पेश होती है। बल्लेबाजों के लिए ये फायदेमंद है और इससे स्ट्राइक रोटेशन आसान होता है’।
पहले टेस्ट में भारतीय गेंदबाज़ों का प्रदर्शन शानदार रहा और पिछले 7 साल में विंडीज के अलावा विदेशी जमी पर जो एक मैच भारत ने जीता उसके हीरो ईशांत शर्मा ही रहे थे। ईशांत ने अभ्यास सत्र में गेंदबाजी कोच भरत अरुण के साथ काफी देर समय बिताया। खुद विराट भी मानते हैं कि सेंचुरियन में भी अगर केपटाउन जैसी पिच रही तो ये टीम इंडिया के लिए अच्छी बात होगी।
विराट ने कहा कि ‘अगर केपटाउन की तरह ही पिच मिली तो मेरा मानना है कि हम उनकी बल्लेबाजी को दबाव में ला सकते हैं..और बल्लेबाज़ी में जमकर खेले तो नतीजा भी पक्ष में हो सकता है’ टीम इंडिया भले ही अगले मैच में अपने मौक़ों को भुनाने की सोच रही हो लेकिन उससे पहले केपटाउन की ही तरह मौके बनाने होंगे, जिसके लिए टीम कॉम्बिनेशन पर माथापच्ची जरूरी है।
अगर 6 बल्लेबाज़ खेलेंगे तो बाहर कौन जाएगा? अगर 4 तेज गेंदबाज खेलेंगे तो किसे बाहर किया जाएगा? इनके जवाब में ही टीम इंडिया की वापसी की राह है।
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