क्रिकेट में वैसे तो हर खिलाड़ी की भूमिका अहम होती है। लेकिन विकेटकीपर का टीम में एक अलग ही स्थान होता है। भारतीय क्रिकेट इतिहास में कई सारे विकेटकीपर रहे हैं, लिकं कुछ ही विकेटकीपर लम्बे समय तक टीम में टिक पाए हैं। आज हम आपको भारत क्रिकेट इतिहास के तीन सबसे सफल विकेटकीपर के बारे में बताने जा रहे हैं।
महेंद्र सिंह धोनी: महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय टीम की शान माना जाता है। अपनी विकेटकीपिंग से उन्होंने कई अद्भुत कारनामे किया हैं। धोनी ने 318 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें 313 पारियों में उन्होंने विकेटकीपिंग की है।
इस दौरान उन्होंने 404 शिकार किए हैं, जिसमें 297 कैच और 107 स्टंपिंग शामिल हैं। फिलहाल क्रिकेट जगत में इस समय उनसे फुर्तीला विकेटकीपर मौजूद नहीं है।
किरण मोरे: किरण मोरे ने भारतीय टीम के लिए 10 वर्षों तक विकेटकीपिंग की है। अपने करियर के दौरान उन्होंने 94 वन डे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 93 बार विकेटकींपिंग की है। मोरे कुल 90 शिकार किए हैं, जिसमें 63 कैच और 27 स्टंपिंग शामिल है।
1992 के विश्व कप के दौरान किरन मोरे और जावेद मियादाद के बीच झगड़ा हो गया था, जिसकी वजह से वे चर्चा में आ गए थे। ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि किरन मोरे को उनकी शानदार विकेटकींपिग से ज़्यादा जावेद मियादाद से हुए झगड़े के लिए याद किया जाता है जो 1992 के वर्ल्ड कप के दौरान हुआ था।
नयन मोंगिया: नयन मोंगिया 20वीं सदी के वनडे के सबसे बेहतरीन भारतीय विकेटकीपर हैं। उन्होंने भारतीय टीम के लिए 6 वर्षों तक विकेटकीपिंग की है।विकेटकीपिंग के साथ-साथ वे आतिशी अंदाज़ में बल्लेबाजी करने के लिए भी जाने जाते थे।
मोंगिया ने टीम इंडिया के लिए 140 मैच खेलें हैं, जिसमें से उन्होंने 139 पारियों में विकेटकीपिंग की है। अपने करियर के दौरान उन्होंने 154 शिकार किए हैं, जिसमें 110 कैच और 44 स्टंपिंग शामिल हैं।
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