भारतीय क्रिकेट टीम के लगभग सभी खिलाडिय़ों के हेलमेट पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के लोगों के साथ-साथ तिरंगा भी होता है। लेकिन विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के हेलमेट पर तिरंगा नहीं होता है। मैच देखते वक्त बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है।आखिर क्यों महेंद्र सिंह धोनी अपने हेलमेट पर तिरंगा को स्थान नहीं देते हैं जबकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का लोगो अन्य खिलाडिय़ों की तरह उनके हेलमेट पर भी लगा ही होता है।
अब इसके पीछे की वजह का खुलासा हो गया है। आपको बता दें कि इस खुलासे को जानने के बाद क्रिकेट प्रंशसकों के मन में धोनी के प्रति और इज्जत बढ़ जाएगी।
दरअसल इसका कारण यह है कि विकेटकीपर होने के कारण धोनी को अपना हेलमेट मैदान में नीचे रखना पड़ता है और नियमों के अनुसार किसी भी चीज़ पर अगर तिरंगा है तो उसे नीचे रखना तिरंगे का अपमान होता है। इस कारण धोनी ने यह निर्णय किया कि वह अपने हेलमेट पर तिरंगा नहीं लगवाएंगे। अगर धोनी तिरंगा अपने हेलमेट पर लगवाते तो वह हेलमेट ज़मीन पर नहीं रख सकते थे और बार-बार मैदान से बाहर भी नहीं भिजवा सकते, क्योंकि उससे समय काफ़ी ज़ाया होता है। धोनी का यह फैसला उनकी देशभक्ति का ही प्रतिक है।
धोनी का अपने राष्ट्रीय ध्वज के प्रति उनका प्यार तो सब जानते हैं और उनमें देशभक्ति की भावना कूट-कूटकर भरी है। धोनी ने अनेक साक्षात्कार में कहा है कि अगर वह क्रिकेटर नहीं होते वह आर्मी में होते। इसी कारण से महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद प्राप्त है।
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