नई दिल्ली : भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह को भरोसा है कि इस साल उनकी टीम तमाम बड़े आयोजनों में जीत हासिल करने के इरादे से मैदान में उतरेगी और मेडल और सिर्फ मेडल ही उसका लक्ष्य होगा। हाल ही में कुछ बड़े हॉकी देशों के विरुद्व शानदार प्रदर्शन करने वाली पुरुष टीम के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं, जिनमे नवंबर में भुवनेश्वर में खेला जाने वाला वर्ल्ड शामिल भी शामिल है। इस अवसर पर महिला टीम की कप्तान रानी रामपाल ने भी माना कि पिछले कुछ सालों में भारत ने अपने खेल में सुधार किया है। पुरुषों की तरह महिला टीम भी पदकों के शिकार पर नज़र गड़ाए है।
मनप्रीत के अनुसार भारत को अजलन शाह कप, कामनवेल्थ गेम्स, एशियाड और अंतत: उड़ीसा में वर्ल्ड कप खेलना है। भारतीय टीम को अजलन शाह कप में ज़्यादा परेशानी नहीं होनी चाहिए। एशियाड में मुक़ाबले बराबरी के रहेंगे जबकि कामनवेल्थ खेलों में आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से चौकस रहना पड़ेगा। लेकिन अब पहले वाली बात नहीं रही। भारतीय खिलाड़ियों ने दमदार प्रतिद्वंदियों से निपटना बखूबी सीख लिया है। मनप्रीत मानते हैं कि वर्ल्ड कप सबसे टफ रहेगा जिसमें दुनिया की बड़ी और टाप टीमें सामने होंगी।
विदेशी भुवनेश्वर में खेलने से डर रहे हैं क्योंकि वहां मेजबान को बड़ा समर्थन मिलेगा। खचाखच भरे स्टेडियम में भारतीय टीम की जीत की अपेक्षा करने वाले विपक्षियों पर दबाव बना सकते हैं। जहां तक टीम की बनावट की बात है तो भारतीय टीम हर पोज़िशन में मजबूत है।
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