भुवनेश्वर: तीन बरस पहले राष्ट्रमंडल खेलों से ठीक पहले भारतीय टीम से बाहर किये जाने के बाद लंबी लड़ाई लड़कर ट्रैक पर लौटी दुती चंद का लक्ष्य अगले साल गोल्ड कोस्ट में होने वाले इन खेलों में पदक जीतकर कड़वी यादों को भुलाना है। दुती को 2014 राष्ट्रमंडल खेलों से ठीक पहले ऐन मौके पर लिंग संबंधी कारणों का हवाला देकर टीम से बाहर किया गया था। इसके बाद खेल पंचाट में अंतर्राष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ से लंबी लड़ाई जीतकर उसने ट्रैक पर वापसी की और इस साल भुवनेश्वर में हुई एशियाई एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 100 मीटर फर्राटा तथा चार गुणा सौ मीटर रिले में कांस्य जीता।
दुती ने कहा कि अगले साल राष्ट्रमंडल खेल मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य है क्योंकि यह सम्मान का मुकाबला भी है। इसी खेलों में पिछली बार मुझे बाहर कर दिया गया था। इसमें पदक जीतकर मुझे उन यादों को मिटाना है। हैदराबाद में गोपीचंद अकादमी में अभ्यास कर रही दुती ने बताया कि जर्मन कोच राफ एकार्ट से मिले टिप्स से उनके खेल में काफी निखार आया है और उन्हें अगले साल होने वाले राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में पदक की पूरी उम्मीद है।
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