अंडर 17 वर्ल्ड कप में चमकने वाले भारतीय स्टार खिलाड़ियों को अंततः प्लेटफार्म मिल गया है। 25 नवंबर से तीन मार्च 2018 तक खेली जाने वाली हीरो आई लीग 2017-18 में ज़्यादातर कोच लुईस मेटोस पोर्तुगल की देखरेख में खेलते नज़र आएंगे। आज यहां भारतीय फुटबॉल फेडरेशन के महासचिव कुशल दास ने यह घोषणा करते हुए कहा कि आई लीग के 11वें संस्करण में नौ राज्यों की दस टीमें चुनौती पेश करेंगी। आकर्षण का केंद्र तीन नई टीमें होंगी, जिनमें दिल्ली की “इंडियन एरोस” पर देशभर के फुटबॉल प्रेमियों की नज़र रहेगी।
पहली बार भाग लेने वाली दो अन्य टीमें केरल की गोकुलम केरला और इंफाल की नेरोका एफसी हैं। इंडियन एरोस में अंडर 17 वर्ल्ड कप खिलाड़ियों के अलावा अंडर 19 टीम के खिलाड़ी भी शामिल किए गये हैं। फेडरेशन के अनुसार भविष्य की टीम तैयार करने के लिए दिल्ली टीम को गठित किया गया है जिसे अपने से कहीं मंजे हुए और अनुभवी खिलाड़ियों से मुकाबला करना है लेकिन कोच लुईस मानते हैं कि आई लीग में जूनियर खिलाड़ियों को शामिल करना और उनमें से ज़्यादातर को एक टीम के रूप में बनाए रखना स्वागत योग्य कदम है |
युवा टीमों के अलावा भाग लेने वाली अन्य टीमें- गत विजेता आईजोल , शिलांग लाजोग, मोहन बागान, ईस्ट बंगाल, मिनर्वा पंजाब, चर्चिल ब्रदर्स और चेन्नई सिटी हैं। उद्घाटन मैच मिनर्वा और मोहन बागान के मध्य लुधियाना में खेला जाएगा। विजेता को एक करोड़, उपविजेता को 60 लाख , तीसरे और चौथे स्थान की टीमों को 40 एवं 25 लाख मिलेंगे। इस अवसर पर कुशल दास ने कहा कि फेडरेशन शीघ्र ही बेबी लीग का आयोजन करने पर विचार करेगी।
उनके अनुसार भारतीय फेडरेशन का असली मकसद जूनियर और सब-जूनियर स्तर पर प्रतिभाओं को अवसर देना है। इस दिशा में बाक़ायदा काम भी शुरू हो गया है। उन्होंने माना कि अंडर 17 वर्ल्ड कप की मेजबानी से भारतीय फुटबॉल के लिए कई रास्ते खुले हैं। अब कोच और खिलाड़ियों को और अधिक मेहनत करनी होगी।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए आई लीग को प्रमुख अधिकृत आयोजन के रूप में देखा जा रहा है। उन्हें नहीं लगता कि आईएसएल और आई लीग का समानान्तर आयोजन कोई परेशानी पेश करेगा। कारण सभी क्लब और आयोजक एक ही सोच रखते हैं। सबका इरादा भारतीय फुटबॉल का विकास है।