भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान Virat Kohli की बल्लेबाजी की तो पूरी दुनिया ही दीवानी है। अगर ऐसा बोला जाए कि उनकी बल्लेबाजी की दीवनी लड़कियां ज्यादा हैं तो यह गलत नहीं होगा। विराट को क्रिकेट की दुनिया का सबसे खतरनाक बल्लेबाज भी बोला जाता है।
क्रिकेट के अक्रामक बल्लेबाजों की जब भी बात की जाती है तो उस सूची में सबसे ऊपर नाम Virat Kohli का आता है। कई बार विराट को अक्रामक और खतरनाक बल्लेबाजी करते हुए देखा गया है। यही वजह है कि वह अपनी ऐसी धुआंधार और खतरनाक पारियों के लिए जाने जाते हैं।
इंडियन टीम ने Virat Kohli की कप्तानी में किया शानदार प्रदर्शन
भारतीय टीम की बात करें तो इस टीम ने टेस्ट में अपने आपको नंबर वन की टीम बनाया है। जब से Virat Kohli ने भारतीय टीम की कमान संभाली है तब से ही पूरी इंडियन टीम ने जबरदस्त प्रदर्शन दिखाया है।
और इसी की वजह से यह टीम टेस्ट में शीर्ष स्थान पर बैठी हुई है। वनडे क्रिकेट की बात करें तो इंडियन टीम नंबर 2 के स्थान पर है और टी-20 में यह टीम नंबर 3 के स्थान पर है।
Virat Kohli ने 10 साल के इंटरनेशनल क्रिकेट में जड़े 56 शतक
2008 में श्रीलंका के खिलाफ विराट कोहली ने इंटरनेशनल क्रिकेट का पहला मैच खेला था। Virat Kohli ने इंटरनेशनल क्रिकेट में इसके साथ ही अपने 10 साल पूरे कर लिए हैं।
विराट कोहली ने अपने शानदार 10 साल के क्रिकेट कैरियर में वनडे मैचों में 35 शतक बनाए हैं। विराट ने इसकेसाथ ही टेस्ट क्रिकेट में 21 शतक बनाए हैं। विराट ने अपने अब तक के क्रिकेट कैरियर में 56 शतक मार चुकें हैं।
तीनों फोर्मेट में Virat Kohli ने बरसाए हैं रन
क्रिकेट के तीनों फोर्मेट में विराट कोहली ने अपने बल्ले से जमकर रन बरसाए हैं। रनों की बात करें Virat Kohli के तो उन्होंने टेस्ट में 66 मैच खेले हैं। इसके साथ ही उन्होंने 53.40 की औसत से 5554 रन बनाए हैं।
विराट कोहली ने वनडे में 208 मैैच खेले हैं और 58.10 की औसत से 9588 रन बनाए हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में विराट कोहली ने 57 टी-20 मैच खेले हैं उनमें उन्होंने 1983 रन 50.84 ओसत से बनाए हैं।
इस खिलाड़ी की असफलता की वजह से Virat Kohli हुए सफल
Virat Kohli अब तक जितने भी इंटरनेशनल क्रिकेट में सफल रहे हैं वह सिर्फएक ही खिलाड़ी की वजह से सफल हैं। हम बात कर रहें हैं क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के बारे में अगर हम यह कहें कि रॉबिन उथप्पा की असफलता ने विराट कोहली की सफलता के पीछे तो ऐसा गलत नहीं होगा।
चयनकर्यताओं को पहले Virat Kohli नहीं पसंद थे बल्कि रॉबिन उथप्पा पसंद थे। रॉबिन उथप्पा को टीम मैंनेजमेंट ने बहुत सारे मौके दिए थे लेकिन रॉबिन इन सभी मौकों का फैयदा नहीं उठा पाए थे।
श्रींलका के खिलाफ मैच में Virat Kohli को मिला पहला मौका
भारतीय टीम मैंनेजमेंट ने रॉबिन उथप्पा के सफलता से दुखी होकर 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ मैच में Virat Kohli को जगह दी और उस मैच में विराट ने जबरदस्त अर्धशतक जड़ा।
उसके बाद तो Virat Kohli ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा और टीम मैंनेजमेंट ने भी उनकी प्रतिभा को सहराया। कोहली ने भी इन सभी मौका को नहीं जाने दिया औैर अपने आपको हर मौके पर साबित करके दिखाया। आज Virat Kohli जिस मुकाम पर हैं वह उनकी कई सालों से की गई कड़ी मेहनत है।
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