किंग्स इलेवन पंजाब के विस्फोटक बल्लेबाज युवराज सिंह ने गुरुवार यानी कल अपने 11 साल के फैन रॉकी से मुलाकात की है। रॉकी दस साल से ब्लड कैंसर से लड़ रहा है। बता दें कि रॉकी का बोन मेरो ट्रंासप्लांट होना है और वह शुक्रवार यानी आज हॉस्पिटल में भर्ती होंगे। बता दें कि बच्चे का हौंसला देखकर युवराज भी उसके फैन हो गए।
युवराज ने उस बच्चे से हाथ मिलाया और उसे स्कूल बैग, कैप और टी-शर्ट गिफ्ट की। बता दें कि रॉकी शाम को अपनी मां हर्षा, पिता निशांत दुबे और बहन मोना के साथ होलकर स्टेडियम पहुंचे थे। रॉकी जानता है कि उसे शुक्रवार को अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। रॉकी को छह महीने तक अस्पताल में रहेगा।
जब युवराज सिंह रॉकी से मिलने पहुंचे थे तो उसकी चेहरे पर खुशी देखने लायक थी। युवराज सिंह खुद भी फेफड़ों के कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ चुके हैं। इसलिए उन सभी का दर्र्द समझते हुए युवराज ने रॉकी और उनके परिवार वालों का हौंसला बढ़ाया।
युवराज उनसे बोले कि- बस घबराना मत। युवराज ने कहा की कभी बच्चे के सामने अपना दुख मत दिखाना। मैंने इस बीमारी को हराया है। यह भी इससे जीत जाएगा। रॉकी के पिता निशांत दुबे ने बताया कि जब रॉकी एक साल का था तब हमें पता चला कि उसे ब्लड कैंसर है।
साल 2008 से उसका इलाज करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बच्चे की देखरेख के लिए नौकरी भी छोड़ दी। निशांत दुबे ने बताया कि बोन मेरो ट्रांसप्लांट ही आखिरी विकल्प है। इसलिए बीएमटी के लिए शुक्रवार को रॉकी को अस्पताल में भर्ती कराएंगे। मैं उसे बोन मेरो दूंगा।
जब युवराज बच्चे से मिले तो पलभर के लिए वह कुछ बोल भी नहीं पाया। रॉकी कहते है कि युवराज ने छह बाल पर छह छक्के लगाए थे। इसलिए वो मुझे बहुत पसंद है। मैं भी ऐसा ही खेलना चाहता हूं।
पढ़ने में भी रॉकी अच्छा है लेकिन बीमारी के कारण नियमित स्कूल नहीं जा पाता। उसे गाने का शौक है। स्टेमिना कम है, इसलिए आम लोगों की तरह क्रिकेट नहीं खेल पाता। मां हर्षा कहती हैं कि उसे उसकी बीमारी के बारे में नहीं पता है।
देश की हर छोटी-बड़ी खबर जानने के लिए पड़े पंजाब केसरी अख़बार