नई दिल्ली: लगता है इस बार मौसम का मिजाज उत्तर प्रदेश के लिए के परेशानी का सबब बना हुआ है। लगातार आंधी और तूफान मेे पिछले दिनों 40 लोगों की मौत हो चुकी हैं। अब मौसम विभाग ने उत्तर-प्रदेश के 13 जिलों में कुछ स्थानों पर धूल भरी आंधी और गरज के साथ छींटे पड़ने की आशंका जताई है। वहीं मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र, तमिनलाडु, तेलंगाना और कर्नाटक के तटीय इलाकों में भी आंधी आने की चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि सोमवार और मंगलवार को उत्तर-प्रदेश के 13 जिलों में कुछ स्थानों पर गरज के साथ छींटे पड़ने और धूल भरी आंधी आने की पूरी संभावना है। मौसम विभाग ने बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, हरदोई, शाहजहांपुर, पीलीभीत, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, मेरठ, बिजनौर , मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में धूल भरी आंधी और बारिश की संभावना जतायी है। मौसम विभाग ने राज्य के कुछ हिस्से में हल्की बारिश का पूर्वानुमान भी व्यक्त किया है। आंचलिक मौसम केन्द्र की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कुछ स्थानों पर बारिश और गरज-चमक के साथ छींटे पड़े। इस दौरान बरेली, मुरादाबाद, आगरा तथा मेरठ मण्डलों में दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की गई। जबकि, फैजाबाद, बरेली, लखनऊ, मुरादाबाद, मेरठ, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर तथा झांसी मण्डलों में यह सामान्य से कम रहा। इस अवधि में इटावा राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 43.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
रविवार को हरियाणा और पंजाब में गर्मी का असर जारी रहा और 44.6 डिग्री सेल्सियस के साथ नारनौल सबसे गर्म रहा। हरियाणा के हिसार में भी गर्मी से लोग परेशान रहे जहां अधिकतम तापमान 42.9 डिग्री सेल्सियस जबकि भिवानी में 42.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, अंबाला में अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस रहा. रविवार को राजस्थान में भी गर्मी का प्रकोप जारी रहा। श्रीगंगानगर 48.2 डिग्री के साथ सबसे गर्म स्थान रहा। बीकानेर, जैसलमेर, कोटा, बाड़मेर, पिलानी और जयपुर में तापमान क्रमश: 46.7, 45, 44.7, 44.5, 44 और 43.7 डिग्री दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे में इसी तरह का तापमान रहने का अनुमान है। गुजरात में गर्मी के कारण बिजली की मांग शीर्ष स्तर पर है। भीषण गर्मी की वजह से बिजली की मांग रोजाना 16000 मेगावाट तक पहुंच गयी है।
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