कभी मुगलों के सराय नाम से प्रसिद्ध उत्तर-पूर्व रेलवे का महत्वपूर्ण स्टेशन मुगलसराय जंक्शन की पहचान बदल चुकी है। अब इस स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया है। आपको बता दे कि गृह विभाग से अनापत्ति मिलने के बाद राज्यपाल राम नाईक ने सोमवार को नाम बदलने की अनुमति दे दी। जिसके बाद इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
पीयूष गोयल ने ट्विटर पर लिखा कि नागरिकों की मांग को देखते हुए उत्तर प्रदेश में मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया है। मुझे खुशी है कि अंत्योदय जैसा महान विचार देने वाले पंडित दीनदयाल जी के नाम से अब यह जंक्शन जाना जाएगा।
यानी यहां के लिए टिकट लेते समय या इसकी बुकिंग करवाते समय अब भविष्य में मुगलसराय के कोड एमजीएस की जगह डीडीयू का प्रयाेग करना होगा।
बता दे कि चंदौली जिले के मुगलसराय स्टेशन साल 1862 में बना था। इस स्टेशन के नाम बदलने की कवायद पिछले साल सूबे में योगी सरकार आने के बाद शुरू हुई। सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ही मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलने का सुझाव केंद्र सरकार के पास भेजा था। जिसे बाद में केंद्र ने स्वीकार कर लिया।
स्टेशन का नाम बदलने के पीछे तर्क ये है कि साल 1968 में मुगलसराय स्टेशन पर ही पंडित दीनदयाल मृत अवस्था में पाए गए थे।
आपको बता दे कि पंडित उपाध्याय भाजपा-जनसंघ के विचार पुरुष रहे हैं। डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी व पंडित उपाध्याय ने भी भाजपा के पुराने संस्करण जनसंघ की स्थापना की थी। पंडित उपाध्याय का शव 1968 में मुगलसराय स्टेशन पर ही मिला था। ऐसे में भाजपा ने अपने विचार पुरुष के नाम पर इस स्टेशन का नामकरण कर उन्हें एक तरह से श्रद्धांजलि दी है।
उत्तरप्रदेश सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। चार जून को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उत्तरप्रदेश के चंदौली जिले में पड़ने वाले मुगलसराय जंक्शन का नाम बदल कर पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन किया जा रहा है। इस संबंध में गृह मंत्रालय से पिछले ही महीने अनापत्ति मिली थी। अधिसूचना की काॅपी रेलवे के संबंधित शीर्ष अधिकारियों को भी भेजी गयी है।
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